खदानों में नियम उल्लंघन की जांच करेगा आईबीएम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में चल रहे खनिजों के अवैध खनन से सबक
लेते हुए सरकार अब झारखंड, उड़ीसा व छत्तीसगढ़ की खदानों में खनन नियमों के
उल्लंघन की जांच में तेजी लाएगी। खान मंत्रालय के अधीनस्थ इंडियन ब्यूरो ऑफ
माइंस ने अगली तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के दौरान झारखंड, उड़ीसा व
छत्तीसगढ़ में किसी एक जगह की खदानों में निरीक्षण का लक्ष्य बनाया है।

आईबीएम के मानें तो झारखंड, उड़ीसा, कर्नाटक व छत्तीसगढ़ में अवैध खनन
धड़ल्ले से होता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए चालू वित्त वर्ष में इन
राज्यों की 425 खनिज खदानों की जांच की जाएगी। इसी कड़ी में आईबीएम ने
अप्रैल-जून, 2010 के दौरान कर्नाटक की 67 खदानों में प्रस्तावित खनन योजना
की जांच की। इसमें से नियमों के विरुद्ध खनन कर रही 18 खदानों के कामकाज पर
रोक लगा दी गई है। वैसे खनिज संरक्षण एवं विकास नियम, 1988 के नियम 13 के
उपनियम दो के तहत प्रस्तावित खनन योजना के विरुद्ध खनन करने पर खदानों के
परिचालन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। सनद रहे कि आईबीएम खनन प्लान,
साइंटिफिक खनन, निर्धारित क्षेत्र में खनन करने तथा कर्मचारियों के वेतन
संबंधी मामलों से जुड़े नियमों की पड़ताल करता है।

जागरण से बातचीत में आईबीएम के कंट्रोलर जनरल सीएस. गुंडेवर ने बताया
कि हमने 2010-11 में 2200 खदानों में निरीक्षण करने का लक्ष्य बनाया है।
उन्होंने कहा संस्थान में तकनीकी कर्मचारियों की कमी के चलते बीते वित्त
वर्ष में 2400 खदानों की जांच की गई थी। जबकि लक्ष्य 2500 खदानों का था।

केंद्र सरकार अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खनिज संपदा वाले झारखंड,
उड़ीसा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश जैसे 10 राज्यों में राज्य सरकारों की मदद से
अपने अभियान को तेज करेगी। सनद रहे कि अभियान के तहत सरकार ने आयरन ओर
भंडार के गढ़ उड़ीसा में बीते एक साल में तकरीबन 60 खदानें बंद भी कर दी
हैं। खदानों के बंद होने से इस साल आयरन ओर का उत्पादन घटने की आशंका भी
लगाई जा रही है। खान मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च, 2010 को
समाप्त हुए वर्ष में 2,260 लाख टन आयरन ओर का उत्पादन हुआ है। जबकि इससे
पूर्व वित्त वर्ष में 2,150 लाख टन आयरन ओर का उत्पादन हुआ था। फिलहाल देश
में आयरन ओर की तकरीबन 500 खदानें हैं जिसमें से कुछ ही बड़ी खदानें स्टील
कंपनियों के पास हैं।

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