पटना अब भी न चेते तो एक समय ऐसा आएगा, जब बहू के साथ मोटा दहेज
पाना तो दूर, उसकी तलाश में पापड़ बेलने पड़ेंगे। यह किसी समाजशास्त्री की
भविष्यवाणी नहीं, बल्कि जिले की ताजा मतदाता सूची से निकली तथ्यपरक चेतावनी
है। पुरुष वोटरों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की घटती संख्या बिगड़ते
पुरुष-स्त्री अनुपात की तरफ इशारा कर रही है। नगरीय क्षेत्र में साक्षरता
और जागरूकता के बावजूद पुरुषों की तुलना में महिला वोटरों की संख्या में
कमी दर्ज की गई है। जिले में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना
में 3.33 लाख कम हो चुकी है। लोक सभा चुनाव 2009 तक 3.19 लाख महिला मतदाता
कम थी।
आबादी बढ़ने के कारण यहां विधान सभा क्षेत्र की संख्या 13 से 14 हो गयी
लेकिन महिला वोटरों की संख्या लगातार कम हो रही है। राजधानी के सुदूर
पालीगंज विधान सभा क्षेत्र में पुरुष मतदाता 1.21 लाख है तो महिलाएं 1.08
लाख। अंतर 13 हजार का है, जबकि लोक सभा चुनाव के समय यह फासला 11 हजार था।
नगर निगम के कुम्हरार विधान सभा को देखें तो यहां पुरुषों की तुलना में
महिला वोटर करीब 35 हजार 164 कम हैं। यहां पुरुषों की संख्या 1.63 लाख और
महिला वोटर 1.29 लाख हैं। इसी तरह दीघा में 44 हजार महिला वोटर कम हो गयी
हैं जबकि बांकीपुर में 41 हजार, पटना साहिब में 26 हजार तो दानापुर में 28
हजार महिला वोटर पुरुषों से कम हो गयीं हैं।
ग्रामीण क्षेत्र की वोटर लिस्ट पर नजर डालें तो पालीगंज में 14 हजार,
बिक्रम में 15 हजार, मसौढ़ी में 15 हजार, फतुहा में 16 हजार, बाढ़ में 17
हजार, मोकामा में 17 हजार, मनेर में 18 हजार और फुलवारी में 21 हजार
महिलाएं पुरुषों से कम हैं।
शहरों में शिक्षा और जागरूकता के बावजूद मतदाता सूची में महिलाओं की
घटती संख्या चौकाने वाली है। नये परिसीमन के बाद 2 फरवरी 2009 को प्रकाशित
मतदाता सूची में जिले के कुल मतदाताओं की संख्या 36 लाख 12 हजार 157 है।
इसमें पुरुषों की संख्या 19.65 लाख और महिलाओं की संख्या 16.46 लाख दर्ज
है।
विधान सभा चुनाव 2010 के लिए संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद जिले में
वोटरों की संख्या घटकर 35 लाख 84 हजार 270 हो गयी। 15 जून को प्रकाशित
मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या घटकर 34 लाख 77 हजार 78 हो गयी है।
पुरुष वोटरों की संख्या में करीब 48 हजार तो महिला वोटरों की संख्या में
लगभग 59 हजार की कमी दर्ज है। लोकसभा चुनाव के समय जहां जिले में पुरुषों
की तुलना महिला वोटर की संख्या करीब 3.18 लाख कम थी, वही अब कमी बढ़कर 3.33
लाख पहुंच गयी है।