भुवनेश्वर। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के अभाव तथा अन्य कई कारणों की वजह
से हाईस्कूल परीक्षा परिणाम आशानुरूप नहीं हो पाने की बात गणशिक्षा मंत्री
प्रताप जेना ने कही। इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकारी स्तर पर नए
शिक्षक नियुक्ति करने की बात उन्होंने कही है। इस साल शिक्षा विकास समिति
के स्कूलों का अच्छा परिणाम रहने के साथ उस तूलना में सरकारी स्कूलों के
छात्र-छात्राओं के अच्छा प्रदर्शन न कर पाने से आम लोगों में असंतोष का
माहौल है। इस साल हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम 10 स्थान पर रहने वाले 30
छात्र-छात्राओं में सरस्वती शिशु मंदिर के 18 छात्र है। जबकि टाप 100 में
सरस्वती शिशु मंदिर के 55 छात्र-छात्रा है। राज्य के सरस्वती शिशु मंदिर के
793 स्कूल से 7,911 छात्र-छात्राओ के परीक्षा देने के साथ उनके मध्य 98.58
प्रतिशत छात्र छात्रा उत्ताीर्ण हुए है। वहीं सरकारी विद्यालयों में यह दर
काफी कम होने की वजह से लोगों में असंतोष का माहौल बन गया है। अधिकांश
विद्यालयों में शिक्षकों की कमी होने के साथ कई विद्यालयों में प्रधान
शिक्षक न रहने से वहां पढ़ाई बाधित हुआ है। कुछ आदिवासी इलाकों में
अवस्थापित स्कूलों के लिए आवागमन की सुविधा न होने की वजह से वहां अच्छे
छात्र-छात्रा नहीं पहुंच पा रहे है। इस समस्या के समाधान हेतु प्रयास जारी
रहने की बात भी मंत्री ने कही है। आवश्यक शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति
प्रकाशित कर दी गयी है। बहुत जल्द संपृक्त विद्यालयों में शिक्षकों को
नियुक्त कर दिये जाने से इस समस्या का समाधान हो पाने की बात मंत्री श्री
जेना ने कही।
से हाईस्कूल परीक्षा परिणाम आशानुरूप नहीं हो पाने की बात गणशिक्षा मंत्री
प्रताप जेना ने कही। इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकारी स्तर पर नए
शिक्षक नियुक्ति करने की बात उन्होंने कही है। इस साल शिक्षा विकास समिति
के स्कूलों का अच्छा परिणाम रहने के साथ उस तूलना में सरकारी स्कूलों के
छात्र-छात्राओं के अच्छा प्रदर्शन न कर पाने से आम लोगों में असंतोष का
माहौल है। इस साल हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम 10 स्थान पर रहने वाले 30
छात्र-छात्राओं में सरस्वती शिशु मंदिर के 18 छात्र है। जबकि टाप 100 में
सरस्वती शिशु मंदिर के 55 छात्र-छात्रा है। राज्य के सरस्वती शिशु मंदिर के
793 स्कूल से 7,911 छात्र-छात्राओ के परीक्षा देने के साथ उनके मध्य 98.58
प्रतिशत छात्र छात्रा उत्ताीर्ण हुए है। वहीं सरकारी विद्यालयों में यह दर
काफी कम होने की वजह से लोगों में असंतोष का माहौल बन गया है। अधिकांश
विद्यालयों में शिक्षकों की कमी होने के साथ कई विद्यालयों में प्रधान
शिक्षक न रहने से वहां पढ़ाई बाधित हुआ है। कुछ आदिवासी इलाकों में
अवस्थापित स्कूलों के लिए आवागमन की सुविधा न होने की वजह से वहां अच्छे
छात्र-छात्रा नहीं पहुंच पा रहे है। इस समस्या के समाधान हेतु प्रयास जारी
रहने की बात भी मंत्री ने कही है। आवश्यक शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति
प्रकाशित कर दी गयी है। बहुत जल्द संपृक्त विद्यालयों में शिक्षकों को
नियुक्त कर दिये जाने से इस समस्या का समाधान हो पाने की बात मंत्री श्री
जेना ने कही।