शिशु श्रमिकों के लिए बनेगा स्वल्पकालीन केंद्र

भुवनेश्वर। शिशु श्रमिकों के बारे में कोई जानकारी न होने को ले इनके लिए
स्वल्पकालीन केन्द्र बनाया जाएगा। विद्यालय में न जाकर विभिन्न क्षेत्र में
श्रमिक के तौर पर कार्य कर रहे शिशुओं के उद्धार किए जाने पर भी उनके
रखरखाव हेतु कोई निर्धारित कार्यक्रम हाथ में लेना अभी तक सम्भव नहीं हो
पाया है। उद्धार किए जा रहे शिशुओं के सही रखरखाव के लिए कोई योजना न होने
से शिशु श्रमिकों की व्यवस्था पूरी तरह से खत्म करने में सफल नहीं है। शिशु
श्रम विरोधी दिवस पालन अवसर पर भुवनेश्वर को शिशु श्रमिक मुक्त शहर में
तब्दील करने के बारे में आयोजित एक कार्यशाला में हिस्सा लेकर विभिन्न शिशु
सुरक्षा संगठन के कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर दुख प्रकट किया है। उद्धार किए
गए शिशु श्रमिकों को उनके परिवार के जिम्मे छोड़ दिए जाने के बाद भी आर्थिक
तंगी से वे फिर से शिशु श्रमिक बनने से पीछे नहीं हटते है। दूसरी ओर शिशु
श्रमिकों को उद्धार करने के बाद उनके रहने के लिये एक स्थल भुवनेश्वर में
तुरन्त तैयार करने के लिए सरकार से कदम उठाने की बात कार्यशाला में युग्म
श्रम कमिश्नर ने कही। इस अवसर पर पिकक संगठन के रंजन महान्ति, भुवनेश्वर
म्यूंसीपाल्टी के दिलीप राउतराय, जिला श्रम अधिकारी अजय पटनायक, यूनिसेफ के
शिशु सुरक्षा अधिकारी लक्ष्मी नारायण नंद, राज्य कानून सेवा प्राधिकरण के
सदस्य सचिव शत्रुघ्न पुजारी एवं रोटारी क्लब दि हेरिटेज की ओर से देवव्रत
पाणीग्राही ने इसमें हिस्सा लेकर शिशु श्रमिक समस्या पर चर्चा करने के साथ
शिशुओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कानून के सदुपयोग हेतु मत दिया।

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