बालेश्वर। असली राशन कार्ड भी है। लोग भी जीवित हैं फिर भी पिछले 5 महीनों
से नहीं मिल रहा है राशन। करीबन 300 लोगों के नामों की सूची चार महीनों तक
सीएसओ कार्यालय में धूल चाटने के बाद अब जिलाधीश कार्यालय में जा पहुंची
है। आखिर क्यों लोगों को राशन नहीं मिल रहा। सवाल का एक ही जवाब मिल रहा है
कि जांच जारी है। जांच के नाम पर विगत पांच महीनों से लोगों को राशन न
दिया जाना कहां का न्याय है। इन कार्ड धारकों में से अधिकांश लोगों की उम्र
60 से अधिक हो चुकी है। ये लोग विगत 5 महीनों से कई कई बार चक्कर भी लगा
चुके हैं। किन्तु कोई नतीजा नहीं निकला। यहां सवाल यह उठता है कि फर्जी
राशन कार्ड पकड़ने के नाम पर असली कार्ड धारकों को कब तक राशन नसीब नहीं
होगा। पांच महीनों तक सीएसओ कार्यालय में धूल चाटने के बाद और अब कितने
महीनों तक जिलाधीशों के कार्यालय का चक्कर लगाना होगा, यह एक अहम सवाल बन
है। स्वच्छता का डंका बजाने वाले राज्य के मुख्यमंत्री क्या इन गरीबों व
असली कार्ड धारकों को राशन दिलाने में मदद करेगे। सूत्रों की मानें तो जिले
के कई रजानेताओं, कालेबाजारियों व प्रशासन से जुड़े लोगों ने मानों एक
प्रकार से नवीन सरकार को बदनाम करने का ठेका ले रखा है। समय रहते इस पर यदि
ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब भूखे पेट की चिगांरी एक दिन आग
का रूप धारण कर लेगी।
से नहीं मिल रहा है राशन। करीबन 300 लोगों के नामों की सूची चार महीनों तक
सीएसओ कार्यालय में धूल चाटने के बाद अब जिलाधीश कार्यालय में जा पहुंची
है। आखिर क्यों लोगों को राशन नहीं मिल रहा। सवाल का एक ही जवाब मिल रहा है
कि जांच जारी है। जांच के नाम पर विगत पांच महीनों से लोगों को राशन न
दिया जाना कहां का न्याय है। इन कार्ड धारकों में से अधिकांश लोगों की उम्र
60 से अधिक हो चुकी है। ये लोग विगत 5 महीनों से कई कई बार चक्कर भी लगा
चुके हैं। किन्तु कोई नतीजा नहीं निकला। यहां सवाल यह उठता है कि फर्जी
राशन कार्ड पकड़ने के नाम पर असली कार्ड धारकों को कब तक राशन नसीब नहीं
होगा। पांच महीनों तक सीएसओ कार्यालय में धूल चाटने के बाद और अब कितने
महीनों तक जिलाधीशों के कार्यालय का चक्कर लगाना होगा, यह एक अहम सवाल बन
है। स्वच्छता का डंका बजाने वाले राज्य के मुख्यमंत्री क्या इन गरीबों व
असली कार्ड धारकों को राशन दिलाने में मदद करेगे। सूत्रों की मानें तो जिले
के कई रजानेताओं, कालेबाजारियों व प्रशासन से जुड़े लोगों ने मानों एक
प्रकार से नवीन सरकार को बदनाम करने का ठेका ले रखा है। समय रहते इस पर यदि
ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब भूखे पेट की चिगांरी एक दिन आग
का रूप धारण कर लेगी।