नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा
कि कोलकाता में 13 वर्षीय छात्र की प्राचार्य द्वारा बेंत से पिटाई करने पर
उसके द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने के मद्देनजर स्कूलों में शरीरिक
दंड पर लगाम लगाने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
सिब्बल ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग [एनसीपीसीआर] की अध्यक्ष
शांता सिन्हा से स्कूलों में शरीरिक दंड से निजात के लिए सख्त दिशा निर्देश
तैयार करने और जारी करने को कहा है।
सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा च्बच्चे हमारे लिए बहुमूल्य हैं। वे
हमारे देश के भविष्य हैं। किसी छात्र को परेशान नहीं किया जाना चाहिए
क्योंकि इससे वह हतोत्साहित होते हैं और व्यवस्था से अलग थलग पड़ जाते हैं।’
उन्होंने कहा कि नए शिक्षा के अधिकार कानून में शरीरिक दंड को
प्रतिबंधित किया गया है और इस विषय पर उन्होंने कल एनसीपीसीआर से चर्चा की
है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा ‘क्योंकि इस संबंध में कानून में
प्रावधान हैं, इसलिए हम दिशा निर्देश जारी कर सकते हैं। वास्तव में हम
एनसीपीसीआर के साथ दिशा निर्देशों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा ‘हमें शरीरिक दंड से निजात पानी ही होगच्। बच्चों को
व्यवस्था का हिस्सा बनाया जाना बेहद जरूरी है। मैं समझता हूं कि शिक्षा की
व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए।’