बिहटा मेगा औद्योगिक पार्क के लिये अधिग्रहीत जमीन पर शुक्रवार को
कब्जा दिलाने पहुंची प्रशासन की टीम को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा।
बगैर मुआवजे के जमीन पर कब्जा दिलाने को कोई किसान तैयार नहीं थे। हालांकि
प्रशासन ने भारी पुलिसिया बंदोबस्त के बीच हिन्दुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड
को जमीन पर कब्जा तो दिला दिया परंतु किसानों के आक्रोश को दबा नहीं सका।
वहीं दूसरी ओर, प्रशासन के इस दमनकारी निर्णय के खिलाफ यहां के किसान
न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना चुके हैं।
शुक्रवार को मेगा औद्योगिक पार्क अंतर्गत नव निर्मित एचपीसीएल प्लांट
में भारी पुलिसिया व्यवस्था के साथ प्रशासनिक टीम पहुंची। प्रशासन ने जबरन
खाता संख्या157, प्लाट न.-128 के कुल दो एकड़ पौने 34 डिसमील पर किसानों
द्वारा लगायी गयी रोक व किसानों द्वारा की गई घेरा बंदी को तोड़ पुलिस
प्रशासन ने अपना बोर्ड गाड़ धारा 144 लगा उक्त जमीन पर एचपीसीएल का कब्जा
दिलावाया। इस बात को ले किसानों में काफी आक्रोश है। शुरू में तो किसानों
ने जमकर हंगामा किया परंतु पुलिस के आगे उनकी एक न चली। किसानों की मानें
तो एक ही खाता प्लाट में एक चौथाई जमीन रैयती घोषित हो रही है वहीं शेष
जमीन को सरकार बंदोबस्त कर रही है। जब की उक्त जमीन सम्बंधी सारे दस्तावेज
सारे पदाधिकारियों को सौंपा जा चुका है। एक तरफ सरकार 11 जून को नोटिस कर
रही है वहीं दूसरी तरफ भारी पुलिस बल के सहयोग से जमीन पर कब्जा जमा रही
है। प्रशासन जमीन का उचित मुआवजा दिये बगैर जमीन लेती है तो हम लोग लड़कर
जान देंगे लेकिन बिना मुआवजा के जमीन नहीं देंगे। सभी किसान एक साथ जन
आन्दोलन चलायेंगे तथा सरकार के मनमानी के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा
खटखटायेंगे। इस मौके पर अनुमण्डलाधिकारी आदेश तितरमरे, प्रखण्ड अंचलाधिकारी
रणधीर कुमार सिंह, डीएसपी अनिल कुमार ने भी किसानों को समझाने की कोशिश
की। किसान नेताओं में अनिल सिंह, बबुआ बाबा, निर्भय सिंह, चितरंजन सिंह,
सदानन्द सिंह, पंकज सिंह, ओंकार सिंह, अंजनी सिंह, अजीत सिंह, सत्येन्द्र
सिंह, ओमनाथ सिंह सहित दर्जनों उपस्थित थे।