रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में औषधीय पौधों की खेती के लिए 10
हजार युवकों को प्रशिक्षण देने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में औषधीय पौधों की
खेती, परंपरागत ज्ञान, मूल्य संवर्धन, पैकेजिंग और व्यापार के संबंध में
कौशल विकास के लिए राज्य के 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
राज्य शासन के कौशल विकास मिशन के तहत आगामी तीन वर्षो में इन युवाओं
को स्थानीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण दिया
जाएगा। इसके अलावा राज्य के हर्बल सामग्रियों के प्रचार-प्रसार के लिए यहां
के दो बड़े रेलवे स्टेशनों- बिलासपुर और रायपुर में दो खुदरा विक्रय
केन्द्र खोले जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के
सहयोग से छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड द्वारा राज्य के कबीरधाम
(कवर्धा) और राजनांदगांव जिलों के 11 वन-ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट के
रूप में औषधीय गृह वाटिका (होम किचन हर्बल गार्डन) भी विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य वनौषधियों के मामले में शुरू से ही
काफी समृद्ध है। ग्रामीण अंचलों में परम्परागत वनौषधि चिकित्सक इन
वनौषधियों के जरिए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। इसके साथ ही
वन-क्षेत्रों से प्राप्त जड़ी-बूटियों को मूल रूप से अथवा अपरिपक्व तरीके से
प्रसंस्करण और पैकिंग करके बाजार में बेचा जा रहा है।