नई दिल्ली। इस साल अक्टूबर से कपास निर्यात पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा।
कपड़ा मंत्रालय के रुख के विपरीत वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने शुक्रवार को
कहा कि एक अक्टूबर से कपास का बिना किसी किसी रोक टोक के निर्यात किया जा
सकेगा। वाणिज्य मंत्रालय कोशिश में है कि निर्यात पर किसी तरह का प्रतिबंध न
रह जाए। यही नहीं मंत्रालय कपास निर्यात पर किसी तरह के शुल्क लगाए जाने
के भी पक्ष में नहीं है।
सरकार ने इस साल 21 मई को कपास के निर्यात पर रोक लगा दी थी। ऐसा घरेलू
बाजार में कपास की बढ़ती मांग और इसके मूल्यों में 20 प्रतिशत तक की
वृद्धि को देखते हुए किया गया था। घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के
लिए कपड़ा मंत्रालय की सिफारिश पर सरकार ने कॉटन निर्यात पर ढाई हजार रुपये
प्रति टन का शुल्क भी लगा दिया था।
कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कपास
के निर्यात पर कोई भी फैसला घरेलू उद्योग के हित को देखते हुए लिया जाना
चाहिए। कपास सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। भारतीय कपास संघ के
मुताबिक वर्ष 2009-10 के फसल वर्ष में कपास का कुल उत्पादन 387 लाख गांठ
[एक गांठ में 170 किलो] रहने की उम्मीद है, जबकि देश में 250 लाख गांठ की
खपत है।