पटना [जागरण ब्यूरो]। वित्तीय समावेश के तहत बिहार में सन 2012 तक दो
हजार की आबादी वाले गांवों के हर परिवार तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाई जाएगी।
हर परिवार का बैंक खाता होगा। खाता संचालन के लिए 2500 रुपये के ओवर
ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी। साथ में 10 हजार रुपये का जनरल क्रेडिट कार्ड
दिया जाएगा, जिससे विवाह, बीमारी या खास जरूरत के समय लोग उसका लाभ उठा
सकें।
गुरुवार को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्यस्तरीय बैंकर्स
कमेटी की बैठक के बाद बताया कि केंद्र सरकार और बैंकों के सहयोग से इसकी
रणनीति बनाई गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के चिह्नित 19 जिलों में से 10
में हर परिवार के एक सदस्य का बैंक खाता खोल दिया गया है। शेष 9 जिलों में
90 फीसदी से ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। अन्य बचे 19 जिलों में
2012 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
हर परिवार का खाता : पूर्णिया, सुपौल, गोपालगंज, शिवहर, शेखपुरा,
सिवान, बक्सर, वैशाली, भोजपुर एवं सहरसा जिले में हर परिवार के एक सदस्य का
है बैंक खाता।
सीडीआर बढ़ा : उन्होंने बताया कि लोग बैंकों में पैसा जमा करते हैं,
मगर उस अनुपात में बैंक ऋण नहीं देते। साख जमा अनुपात थोड़ा बढ़कर 32.13
प्रतिशत हो गया है। वार्षिक साख योजना 2005-6 में 6055.42 करोड़ थी जो बढ़कर
2009-10 में 17536.89 करोड़ हो गई। चालू वर्ष में इसमें 20 हजार करोड़ की
वृद्धि करते हुए 37 हजार करोड़ करने का लक्ष्य बैंकों को दिया गया है।
एजूकेशन लोन में वृद्धि
शिक्षा ऋण में 20.03 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2009-10 में 23 हजार से
अधिक छात्रों को 704 करोड़ रुपये मिले। मानीटरिंग के नतीजे दिख रहे हैं।
उद्योगों में निवेश बढ़ा
मोदी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के क्षेत्र
में निवेश बढ़ा है। 2008-09 में 653.45 करोड़ का कर्ज दिया गया, वहीं
2009-10 में यह 106 प्रतिशत बढ़कर 1351.6 प्रतिशत हो गया। इस साल 2047 करोड़
का लक्ष्य है। स्वयं सहायता समूहों और कृषि यंत्रों के लिए ऋण वितरण में
भी प्रगति हुई है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि 2009-10 में 21.7 लाख किसान
कृषि बीमा से कवर हुए। जो राष्ट्रीय स्तर पर छठा स्थान है जबकि प्रीमियम
अदायगी में बिहार देश में पहले स्थान पर रहा।