खाद्य महंगाई में मामूली कमी

नई दिल्ली। फल-सब्जियों व चाय के दाम घटने से खाद्य महंगाई की दर में
मामूली कमी आई है। खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्यों पर आधारित यह दर 5 जून को
समाप्त सप्ताह में 0.62 प्रतिशत घटकर 16.12 फीसदी हो गई। इससे यह उम्मीद
बंधी है कि आने वाले दिनों में महंगाई दर घटेगी जैसा कि वित्त मंत्री प्रणब
मुखर्जी ने संकेत दिया है। इससे पिछले सप्ताह खाद्य मुद्रास्फीति दर 16.74
फीसदी पर थी। यह दर इस साल की शुरुआत से ही 16 फीसदी के आसपास बनी हुई है।

समीक्षाधीन सप्ताह में खाद्य महंगाई की दर में कमी आने से बढ़ती कीमतों
पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक पर तत्काल नीतिगत दरों में बदलाव का
दबाव कम होगा। मुखर्जी ने इस हफ्ते की शुरुआत में उम्मीद जताई थी कि मानसून
च्च्छे रहने की संभावना से खाद्य वस्तुओं की कीमतें जुलाई के मध्य से कम
होंगी। विशेषज्ञों का भी कहना है कि खाद्य वस्तुओं के दामों में गिरावट
मानसून की स्थिति पर निर्भर करेगी। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक जब तक
मानसून की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, अगले कुछ सप्ताह तक मुद्रास्फीति दर
में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। मौजूदा तरलता की स्थिति भी रिजर्व
बैंक को जुलाई में पेश की जाने वाली तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले
प्रमुख दरों में वृद्धि से रोकेगी।

सप्ताहिक आधार पर फल एवं सब्जियों के दामों में 6 और चाय में 2 फीसदी
की कमी हुई। हालांकि उड़द 6 और मक्का, बाजरा व चना एक-एक फीसदी महंगे हुए।
सालाना आधार पर आलू के दामों 35 और प्याज के भाव 17.80 फीसदी की गिरावट आई।
हालांकि इस दौरान दालों के भाव 34 और दूध के 21 फीसदी बढ़े। च्च्छी बारिश
नहीं होने की वजह से खाद्य वस्तुओं की कीमतें पिछले साल से ऊंची हैं। खाद्य
महंगाई की दर दिसंबर, 2009 में 20 फीसदी के करीब पहुंच गई थी। ऊंची खाद्य
महंगाई दर का असर अब मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों पर भी दिखने लगा है। यही कारण
है कि मई में सामान्य महंगाई दर बढ़कर 10.16 फीसदी तक पहुंच गई।

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