मोहाली, : कपास भारत की सबसे महत्वपूर्ण रेशेदार फसल होने के साथ-साथ
देश की कृषि और औद्योगिक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कपड़ा उद्योग के लिए कपास रीढ़ की हड्डी के समान है। कपड़ा उद्योग में 70
प्रतिशत रेशे कपास के ही इस्तेमाल होते है और भारत से विदेशों को होने वाले
कुल निर्यात में लगभग 38 प्रतिशत निर्यात कपास का होता है, जिससे देश को
42 हजार करोड़ रुपये मिलते है। कपास के उत्पादन की आधुनिक तकनीक में कीटों,
रोगों और खरपतवार को रोकने के लिए भारी मात्रा में रसायनों का इस्तेमाल
किया जाता है।
किसानों को कपास की खेती करने में आने वाली सबसे बड़ी बाधा सकिंग
इनसेक्ट्स से निपटना है, जो फसल को बुरी तरह प्रभावित करते है। लेकिन अब इन
कीटों के नियंत्रण के लिए एक विश्वस्तरीय फसल सुरक्षा रसायन और बीज कंपनी
यूनाइटेड फॉस्फोरस ग्रुप ने पंजाब एवं हरियाणा के कपास किसानों के लिए
लासरगोल्ड नामक एक अनूठा और नवीनतम कीटनाशक पेश किया है। लासरगोल्ड, यूपीएल
द्वारा किसानों के फायदे के लिए बनाए जाने वाले 800 विभिन्न उत्पादों में
से एक है। बाजार के गहन शोध और खेतों में किए गए विभिन्न परीक्षणों के बाद
तैयार लासरगोल्ड व्यापक रूप से प्रभावकारी और व्यवस्थित कीटनाशक है।
लासरगोल्ड ने किसानों के लिए लाभप्रद उत्पादों की पेशकश की है। अन्य ब्रांड
यह करने में अभी तक असफल रहे है।
यूपीएल के एक प्रवक्ता ने बताया कि लासरगोल्ड कीटों पर अधिक तीव्र और
लंबी अवधि का नियंत्रण प्रदान करता है, जिस कारण छिड़काव सामान्य से कम
आवृत्ति में करना पड़ता है और फसल के उत्पादन में कम लागत लगती है।
लासरगोल्ड पौधों में फाइटोटोनिक प्रभाव उत्पन्न करता है। इसके छिड़काव के
बाद फसल चमकीले हरे रंग की हो जाती है। लासरगोल्ड दोनों सतहों पर फैलकर
कीटों को नष्ट करता है। इस तरह से यह कीटों की प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर
देता है।