नई दिल्ली. समान गोत्र में विवाह पर बैन करने और हिंदू मैरिज एक्ट में
बदलाव की मांग की एक याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट
ने याचिकाकर्ता को झटका देते हुए इस याचिका को वापस लेने की आज्ञा दे दी
है।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस. एन. ढींगरा और जज ए. के. पाठक
की अवकाश पीठ ने कहा कि कोर्ट का समय बर्बाद करने के आरोप में चायिकाकर्ता
पर जुर्माना लगाया जा सकता है। कोर्ट की इस बात को सुनने के बाद हिंदू
मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग कर रहे नरेश काद्यान ने अपनी याचिका वापस ले
ली।
कोर्ट ने काद्यान को फटकार लगाते हुए कहा कि आप नहीं
जानते कि गोत्र क्या है? क्या आपको मालूम है कि किस हिंदू ग्रंथ में सगोत्र
विवाह को प्रतिबंधित करने की बात लिखी हुई है। ऐसे में जब आपको खुद नहीं
मालूम है तो फिर कोर्ट का समय क्यों खराब कर रहे हैं। आप तो पहले अपनी बात
को सही साबित करने के लिए पूरे सबूत लाओ फिर हम बात करेंगे।
काद्यान
के वकील राजेंद्र यादव ने कोर्ट से कहा कि वह समान गोत्र में शादी को
प्रतिबंधित करने के साथ हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव के लिए सरकार को एक
आयोग का गठन करने का निर्देश दे।
गौरतलब है कि इसके पहले
सुप्रीम कोर्ट ने भी खाप पंचायतों की इस मांग को खारिज कर दिया था। खाप ने
भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर एक ही गोत्र में शादी करने पर
प्रतिबंध के साथ-साथ हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग की थी। एक ही
गोत्र में शादी करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग में हरियाणा के मुख्यमंत्री
भी शामिल हैं।