हिमफेड को ढूंढ़े नहीं मिल रहे खाद्य भंडारण बनाने के इच्छुक

शिमला। हिमफेड को प्रदेश में खाद्य भंडारण बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी
ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। राज्य में गोदाम बनाने के लिए हिमफेड ने दूसरी बार
टेंडर भी आमंत्रित किए हैं, लेकिन अभी तक किसी अभ्यर्थी ने रुचि नहीं
दिखाई है।

प्रदेश में हिमफेड को 2009 में स्टेट वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का दर्जा
मिला हुआ है। हिमफेड प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम के मानकों के अनुसार
खाद्य गोदाम बनाएगी। गोदाम निजी निवेशक द्वारा बनाए जाने हैं। इसके लिए
हिमफेड ने दोबारा टेंडर आमंत्रित किए हैं। टेंडर प्रकाशित हुए दो सप्ताह
गुजर गए लेकिन किसी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। यहां यह भी उल्लेख करना
जरूरी है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश में चार माह के अनाज का
भंडार होना चाहिए। हिमाचल में यह क्षमता है ही नहीं, यहां केवल एक माह का
अनाज भंडार किया जा सकता है। हिमफेड इसके लिए प्रयास भी कर रहा है लेकिन
उसे खाद्य भंडारण बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी भी नहीं मिल रहे हैं। बताया
जाता है कि लोग इसलिए इच्छुक नहीं है कि इसका किराया भी बहुत कम है और
भंडारण की क्षमता भी ज्यादा है। इच्छुक अभ्यर्थी यदि खाद्य भंडारण बनाने को
निवेश करते भी हैं तो उन्हें उसका उचित किराया नहीं मिलेगा। इसलिए इसमें
कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। प्रदेश में 18 गोदाम तैयार किए जाने हैं,
जिनकी कुल क्षमता एक लाख 42 हजार पांच सौ मीट्रिक टन होगी। यह गोदाम
बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, नेरचौक, सरकाघाट, ऊना, कांगड़ा के
नगरोटा, पालमपुर, रानीताल, देहरा, चंबा, शिमला, रामपुर, परवाणु, सोलन, नाहन
तथा रिकांगपिओ में बनने हैं।

एफसीआई के मानक निवेशकों को अच्छे नहीं लग रहे हैं। एफसीआई ने इसके लिए
हिमफेड के अधिकारियों के साथ बैठक कर मानकों में ढील देने की बात कही थी।
इस संबंध में हिमफेड ने विज्ञापन भारी कर दिया है। हिमफेड के वरिष्ठ
प्रबंधक दिनेश आचार्य कहते हैं लोग इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कुछ
लोगों के फोन जरूर आए थे, लेकिन उनकी बातों से नहीं लगा कि वे इसके लिए
इच्छुक होंगे। उन्होंने कहा कि तीन जुलाई को प्री बिड कांफ्रेंस रखी गई है
उसके बाद इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए लगभग दस दिन का समय दिया जाएगा।

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