शिमला। सरकार प्रदेश में बेरोजगारों की तादाद के आंकड़ों की सही तस्वीर
पेश करेगी। इसके लिए बाकायदा सरकार ने कसरत का भी श्रीगणेश कर दिया है।
इसका जिम्मा श्रम व रोजगार विभाग को सौंपा गया है। श्रम व रोजगार विभाग के
हवाले से जारी ताजा फरमान में कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी विभाग में
नौकरी चाहे अनुकंपा के आधार पर मिली है चाहे बैच के आधार पर व रोगी कल्याण
समिति के माध्यम से इसका विस्तृत ब्योरा सभी विभागों को रोजगार कार्यालयों
में देना होगा। सभी सरकारी विभागों के साथ साथ राज्य सरकार के उपक्रमों में
भी यह आदेश लागू होंगे। यहा तक अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ आधार पर,
नियमित व पीटीए के आधार पर रोजगार हासिल करने वालों का पूरा ब्योरा रोजगार
कार्यालयों को देना पड़ेगा।
सरकार ने यह नई व्यवस्था इसलिए की है, ताकि किसी भी तरह का रोजगार
प्राप्त करने वाले का नाम तत्काल रोजगार कार्यालय के लाइव रिकॉर्ड में काट
दिया जाए। फरमान में कहा गया है कि सरकार के ध्यान में आया है कि अकसर
सरकारी नौकरी प्राप्त कर लेने के बाद भी उन लोगों के नाम रोजगार कार्यालय
के लाइव रिकॉर्ड में दर्ज रहते हैं। इससे प्रदेश में बेरोजगारों की सही
जानकारी नहीं मिल पाती। दूसरे यह कि जिन विभागों में रोजगार उपलब्ध करवाया
जाता है वे भी इस बाबत रोजगार कार्यालयों को किसी तरह की सूचना देने की
जहमत ही नहीं करते। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए अब उन विभागीय आकाओं
पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है जो संबंधित सूचना नहीं दे रहे हैं।
फरमान में कहा गया है कि सभी विभाग रोजगार कार्यालयों को नौकरी प्राप्त
करने वाले उम्मीदवार का नाम , आयु, लिंग, रोजगार कार्यालय कार्ड का पंजीकरण
नंबर, रोजगार प्राप्त करने की तिथि व अन्य संबंधित ब्योरा भी संबंधित
रोजगार कार्यालय को देना होगा। इस सिलसिले में सरकार ने सभी प्रधान सचिवों,
प्रशासनिक सचिवों व विभागाध्यक्षों को भी दिशा निर्देश जारी किए हैं।
वर्णनीय है कि प्रदेश में बेरोजगारों की सही संख्या के आकड़े को लेकर
सत्ता पक्ष व विपक्ष में अलग अलग राय रहती है। हाल ही में जारी में जहां यह
आंकड़ा जहां करीब नौ लाख है, वहीं विपक्ष द्वारा प्रदेश में बेरोजगारों की
संख्या 11 लाख से भी ज्यादा बताई जाती है। बेरोजगारों के आंकड़ों को लेकर कई
मर्तबा प्रदेश विधान सभा में मामला गूंजता रहा है। मुख्यमंत्री प्रेम
कुमार धूमल भी कई मर्तबा विभिन्न मंचों से रोजगार कार्यालयों में दर्ज
बेरोजगारों की बात करते रहे हैं व विपक्ष पर इस मामले में गुमराह करने के
आरोप लगाते रहे हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण 2009-2010
बिलासपुर 50542
चंबा 52971
हमीरपुर 67640
कांगड़ा 175875
कुल्लू 8882
किन्नौर 43896
लाहुल-स्पीति 4346
मंडी 145104
शिमला 103120
सिरमौर 50676
सोलन 51767
ऊना 59018
कुल 813837