विभाग ने कवायद शुरू की है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन 2010—11 के तहत जिले
में 12.5 एकड़ में गेंदे की फूलों की खेती की जाएगा।
मतलौडा, इसराना, बापौली, पानीपत व समालखा ब्लाक में एक—एक हेक्टेयर पर
गेंदे के फूलों की खेती का टारगेट दिया गया है। किसान का एक हेक्टेयर गेंदे
के फूलों की खेती पर करीब 70 हजार रुपए खर्च आएगा, जिसमें से 50 प्रतिशत
यानी 35 हजार रुपए की बागवानी विभाग सब्सिडी देगा।
पानीपत में हो जाती है फूलों की खपत
पानीपत में गेंदे के फूलों की काफी डिमांड है। यहां प्रतिदिन 100 क्विंटल
से ज्यादा गेंदे की फूलों की खपत हो जाती है। इसलिए किसानों को गेंदें के
फूलों को बेचने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है।
कमाई भी होती है खूब
विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ में फूलों का 80 से 90 क्विंटल उत्पादन हो
जाता है। त्योहार के दौरान भाव 70 से 80 रुपए किलो तक पहुंच जाता है। एक
एकड़ में डेढ़ लाख रुपए कमा सकते हैं।
जिले में गेंदे के फूलों की खेती का रुझान बढ़ा है। यह खेती किसानों के लिए
काफी कारगर साबित हो सकता है। किसान जुलाई में गेंदे के फूलों की बिजाई
करें। दो महीने के बाद पौधों पर फूल आ जाते हैं।
जयप्रकाश खटकड़, जिला बागवानी अधिकारी