करने की कोशिश में लगे समाजवादी नेता स्वामी अग्निवेश ने रायपुर सेंट्रल
जेल में कैद सीपीआई माओवादी के पोलित ब्यूरो मेंबर नारायण सान्याल से
बातचीत की।
राज्य पुलिस और जेल विभाग के आला अफसरों के सहमति के बाद जेल सुप्रीटेंडेंट
के कक्ष में दोनों के बीच एकांत में चर्चा हुई। इसी महीने हुए मुलाकात के
बारे में सारे अफसर चुप्पी साधे बैठे हैं।
ट्रैक टू डिप्लोमेसी के तहत अग्निवेश पिछले कई दिनों से इस दिशा में प्रयास
कर रहे हैं। रायपुर सेंट्रल जेल में हुई मुलाकात को पूरी तरह से गोपनीय
रखा जा रहा है। जेल के आला अधिकारी न इसकी पुष्टि कर रहे हैं, न खंडन।
एडीजी जेल एसके पासवान का कहना है कि स्वामी अग्निवेश सान्याल से मिले या
नहीं, उनको याद नहीं आ रहा। डीजीपी विश्वरंजन का कहना था कि इस बारे में
जेल एडीजी बेहतर बता सकते हैं। उनको इस तरह की मुलाकात का पता नहीं।
भास्कर से चर्चा में स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उनकी कई नक्सली नेताओं से
चर्चा चल रही है। रायपुर, रांची और दिल्ली में नक्सलियों के कई पोलित
ब्यूरो मेंबर स्तर के नेता बंद हैं। उनके वे या तो मिलने की कोशिश कर रहे
हैं, या उनको पत्र के माध्यम से अपना संदेश देने की कोशिश की जा रही है। अब
तक की कोशिश सकारात्मक रही है।
नक्सली शांति वार्ता की पेशकश को अब ठुकरा नहीं रहे हैं। नक्सलियों ने अपनी
सर्वोच्च इकाई सेंट्रल कमेटी के स्तर पर चर्चा शुरू की है। स्वामी
अग्निवेश ने कहा कि उनकी जानकारी में यह बात भी है कि नक्सलियों से शीर्ष
नेताओं की कई बैठकें भी इस मुद्दे पर हो चुकी हैं।
नक्सली अभियान में थल सेना या वायुसेना का इस्तेमाल नहीं करने के केंद्र
शासन के फैसले से भी बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कोशिश यही है कि कुछ दिनों के लिए दोनों तरफ से सीजफायर या संघर्ष विराम की
स्थिति बनाकर बातचीत शुरू हो। इसके लिए कुछ और प्रयास करने होंगे, ताकि
भरोसा बढ़े।