होगा। डिपो धारक ने गोदाम से कितना क्विंटल राशन उठाया गया, इसमें से
उपभोक्ताओं को कितना राशन दिया और कितना शेष है। इसका विवरण डिस्प्ले बोर्ड
में देना होगा। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रण अधिकारी डॉ. जोगेंद्र कंवर ने
इसकी पुष्टि की है।
इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए जिला खाद्य आपूर्ति विभाग ने डिपो
धारक को यह निर्देश जारी कर दिए है। डिपो में बांटे जा रहे राशन को डिस्पेल
बोर्ड में दर्शाए होगा। ये आकंड़े प्रतिदिन अपडेट करने होंगे। अगर स्टॉक
रजिस्टर की एंट्री डिस्पेल बोर्ड एंट्री से मेल नहीं खाती है तो खाद्य
आपूर्ति विभाग डिपो धारक पर कार्रवाई अमल में लाएगा। जांच के दौरान डिपो
धारक के स्टॉक रजिस्टर में अगर पचास रुपए की हेरफेर होती है, तो संबधित
डिपो धारक से मार्केट रेट के हिसाब से दोगुनी राशि वसूली जाएगी। इस नियमों
के तहत डिपो धारक की जमानत राशि तो जब्त होगी ही साथ में विभागीय कार्रवाई
अमल में लाई जाएगी।
अभी जिले में 464 डिपो हैं और डिपो से राशन लेने वाले कार्ड धारकों की
संख्या 1,77,132 है। विभाग की मानें तो डिपो धारक ने एपीएल को कितना राशन
दिया और कितना एपीएल और कितना अन्नपूर्ण राशनकार्ड धारकों को दिया। सभी का
विवरण देना होगा। डिपो से मिलने वाली खाद्य सामग्री ओपन होनी चाहिए। जिला
खाद्य आपूर्ति नियंत्रण अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर ने बताया कि डिपो का
लेखाजोखा सार्वजनिक होगा। स्टॉक रजिस्टर में अगर हेराफेरी होती है तो
मार्केट में बिक रहे खाद्य पदार्थ के रेट से डिपो धारक को दुगनी राशि वसूली
जाएगी।