नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के बीच कई आवश्यक वस्तुओं का आयात बढ़ाना
पड़ा। इसकी वजह से बीते वित्त वर्ष 2009-10 में संवेदनशील वस्तुओं का आयात
40.5 फीसदी बढ़कर 65 हजार 564 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2008-09 में
संवेदनशील वस्तुओं का आयात 46 हजार 667 करोड़ रुपये रहा था।
डेयरी उत्पाद, दूध, खाद्यान्न, खाद्य तेल, काफी, चाय और दाल जैसी
वस्तुओं को संवेदनशील की श्रेणी में रखा जाता है। सरकार इन उत्पादों के
आयात पर नजर रखती है, ताकि घरेलू उत्पादकों पर इसका सीधा असर नहीं पड़े।
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में दूध
और दुग्ध उत्पादों का आयात 274 प्रतिशत बढ़कर 290 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह 77.6 करोड़ रुपये रहा था। इसी तरह खाद्यान्न
का आयात 259.2 प्रतिशत की बढ़त के साथ 118 करोड़ रुपये हो गया। खाद्य तेलों
के आयात में 63.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 25 हजार 975 करोड़ रुपये पर
रहा।
वर्ष 2009-10 में 10 हजार 391 करोड़ रुपये मूल्य की दालों का आयात किया
गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6 हजार 529 करोड़ रुपये रहा था। चाय और
काफी का आयात इस दौरान बढ़कर 286.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पूर्व
वित्त वर्ष में यह 202.26 करोड़ रुपये रहा था। जहां बीते वित्त वर्ष में
आवश्यक वस्तुओं का आयात बढ़ा है, वहीं देश का कुल आयात इस दौरान 0.7
प्रतिशत की गिरावट के साथ 8 लाख 35 हजार 264 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान देश
के कुल आयात में इन संवेदनशील वस्तुओं की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत रही।
वित्त वर्ष 2008-09 में इन वस्तुओं की हिस्सेदारी 3.4 प्रतिशत रही थी। चीन,
ब्राजील, मलेशिया, अमेरिका, कनाडा, जापान, अर्जेटीना और आस्ट्रेलिया से
संवेदनशील वस्तुओं का आयात बढ़ा है, वहीं जर्मनी और तंजानिया से आयात में
गिरावट आई है।