बैतरणी सुरक्षा मंच की ओर से चेतावनी दी गयी है कि अगर बैतरणी नदी का
जल उद्योगों को मुहैया कराया जाएगा, तो इसके खिलाफ जन आन्दोलन छेड़ा जाएगा।
मंच की तरफ से राजधानी में पत्रकारों को सूचना देते हुए आवाहक मुरली शर्मा
ने कहा कि यह नदी मयूरभंज, जाजपुर, केन्दुझर, भद्रक जिलों की जीवनरेखा समान
है। इन जिलों के लोग तथा किसान बैतरणी नदी पर कृषि तथा पेयजल के लिए
निर्भर है। मंच के अध्यक्ष सर्वेश्वर मिश्र ने पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित
करते हुए कहा कि इस नदी के किनारे बने अनेक उद्योग गैरकानूनी ढंग से नदी
के जल का उपयोग कर रहे है। उधर, बीआरपीएल एस्सार कंपनी ने करोड़ों का मुनाफा
कमाने के उद्देश्य से इसी नदी में जलपथ परिवहन का प्रस्ताव दिया है। मिश्र
ने कहा कि जिस तरह बैतरणी नदी के जल का दोहन हो रहा है, उस पर अगर लगाम
नहीं लगी तो आने वाले दिनों में यह इलाका मरूस्थल में तब्दील हो जाएगा।
मंच की ओर से राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है कि इस नदी के जल का
उद्योगों द्वारा गैर कानूनी उपयोग तुरन्त रोका जाए। अन्यथा इसके विरुद्ध जन
आन्दोलन छेड़ा जाएगा। इसे ले आगामी 21 जून को गोनासिका से जाजपुर तक एक
जागरण यात्रा निकाले जाने की भी सूचना भी मंच ने दी है।