बेसहारों की बदल गई किस्मत

वरिष्ठ संवाददाता, अमृतसर ;फुटपाथ पर सो रहे बेसहारा रामजीवन सहित उन 70
लोगों की किस्मत बदल गई है, जो कभी दो जून की रोटी के लिए आने-जाने वाले
लोगों का मुंह ताकते थे। दाढ़ी बनवाने के लिए जेब में पैसे नहीं होते थे और
खुशबूदार साबुन से नहाने की हसरत हमेशा मन में रहती थी जो पूरी नहीं हो पा
रही थी। मगर पुराना कर्म सिंह वार्ड में अब इन लोगों को वह हर सुविधा
मिलेगी जिसके लिए यह तरस रहे थे। रेडक्रास व जिला प्रशासन की ओर से शुरू
किए गए रैन बसेरा में रहने वाले लोगों को खाने-पीने की चीजें व अन्य
सुविधाएं नि:शुल्क दी जाती हैं। बता दें कि वीरवार की देर रात जिला प्रशासन
ने कार्रवाई करते हुए फुटपाथ पर सो रहे 70 लोगों को उठा कर रैन पहुंचा
दिया। शुक्रवार को डीसी ने रैन बसेरा का दौरा किया। इस दौरान रामजीवन को
नहलाया गया, उसके बाल काटे गए व शेव करवाई गई। उसे नए कपड़े के साथ-साथ बेड
दिया गया। उसे आराम की जिंदगी काटने के लिए रैन बसेरा में रहने के लिए कहा
गया है। बीती रात रामजीवन की तरह करीब 70 ऐसे बेसहारा को छत के तौर पर रैन
बसेरा मिला है। शुक्रवार को कर्म सिंह वार्ड पहुंचे डीसी काहन सिंह पन्नू
ने बताया कि पांच महीने में लगभग 600 व्यक्तियों को रैन बसेरा में पहुंचाया
गया है। डीसी ने बताया कि डा. कर्म सिंह के वार्ड में हर सुविधा मौजूद है।
यहीं पर इन लोगों को छत मुहैया करवाई गई है। यहां इन व्यक्तियों की
दवाइयां व खाने पीने का प्रबंध भी किया। इतना ही नहीं इन व्यक्तियों के
पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। पन्नू ने
कहा कि अब तक रैन बसेरा में आसरा लेने वाले व्यक्तियों में केवल 100-125
व्यक्ति ही रह गए है। बाकी सभी या तो अपने अपने घर लौट गए हैं या उनकी
इच्छा के अनुसार उनके पुनर्वास का प्रबंध किया गया है।

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