भुवनेश्वर। राज्य में भूतल जल को सदुपयोग करने के लिए 10 हजार हेक्टर जमीन
में जल सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 5 हजार एलआई प्वाइंट लगाए जाने
का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यक्षता में आयोजित
एक उच्च स्तरीय बैठक में आज संपृक्त निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य
सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च करेगी। जल सिंचाई सुविधा न होने वाले क्षेत्रों
में संपृक्त नलकूप खुदाई के लिए अग्राधिकार दिया जाएगा। बीजू कृषक योजना
के अन्तर्गत इसे कार्यकारी करने के लिए लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय
रिमोट सेनसिंग संस्था तथा अन्य संस्थाओं द्वारा प्रदत्त तथ्य के अनुसार
प्रकल्प अंचल की पहचान की जाएगी। यह नलकूप किसानों को उनके व्यक्तिगत
मालिकाना में दिया जाएगा। एक नलकूप के लिए करीबन एक लाख रुपया खर्च होगा।
हिताधिकारी इसके लिए सर्वाधिक 20 हजार रुपया खर्च करेगे। राज्य सरकार की
तरफ से किसानों के लिए इस बाबत 90 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। एक
प्रकल्प क्षेत्र में 3-4 या फिर इससे अधिक नलकूप खोदने के लिए प्राथमिकता
दी जाएगी। इसके लिए विद्युत की व्यवस्था की जाएगी। किसान इस नलकूप के
माध्यम से 1 से 3 हेक्टर जमीन में जल सिंचाई कर सकते है। इस बैठक के दौरान
राज्य के विभिन्न भौगोलिक इलाकों के जलस्तर व इसके विनियोग संभावना के
बारे में जानकारी दी गयी है। राज्य में भूतल जल का विनियोग मात्र 18
प्रतिशत होने से इसके बढ़ाने के लिए बैठक में चर्चा की गयी। आगामी बारिश
दिन से पहले राज्य के 300 चेक डैम का कार्य पूरा हो जाने की जानकारी भी
बैठक में दी गयी है। इस बैठक में विभागीय सचिव व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित
थे।
में जल सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 5 हजार एलआई प्वाइंट लगाए जाने
का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यक्षता में आयोजित
एक उच्च स्तरीय बैठक में आज संपृक्त निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य
सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च करेगी। जल सिंचाई सुविधा न होने वाले क्षेत्रों
में संपृक्त नलकूप खुदाई के लिए अग्राधिकार दिया जाएगा। बीजू कृषक योजना
के अन्तर्गत इसे कार्यकारी करने के लिए लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय
रिमोट सेनसिंग संस्था तथा अन्य संस्थाओं द्वारा प्रदत्त तथ्य के अनुसार
प्रकल्प अंचल की पहचान की जाएगी। यह नलकूप किसानों को उनके व्यक्तिगत
मालिकाना में दिया जाएगा। एक नलकूप के लिए करीबन एक लाख रुपया खर्च होगा।
हिताधिकारी इसके लिए सर्वाधिक 20 हजार रुपया खर्च करेगे। राज्य सरकार की
तरफ से किसानों के लिए इस बाबत 90 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। एक
प्रकल्प क्षेत्र में 3-4 या फिर इससे अधिक नलकूप खोदने के लिए प्राथमिकता
दी जाएगी। इसके लिए विद्युत की व्यवस्था की जाएगी। किसान इस नलकूप के
माध्यम से 1 से 3 हेक्टर जमीन में जल सिंचाई कर सकते है। इस बैठक के दौरान
राज्य के विभिन्न भौगोलिक इलाकों के जलस्तर व इसके विनियोग संभावना के
बारे में जानकारी दी गयी है। राज्य में भूतल जल का विनियोग मात्र 18
प्रतिशत होने से इसके बढ़ाने के लिए बैठक में चर्चा की गयी। आगामी बारिश
दिन से पहले राज्य के 300 चेक डैम का कार्य पूरा हो जाने की जानकारी भी
बैठक में दी गयी है। इस बैठक में विभागीय सचिव व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित
थे।