राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान सिंचाई प्रणाली के प्रबंध
में कृषकों की सहभागिता नियम-2002 को संशोधित किया है। ये नियम राजपत्र
में प्रकाशन की तिथि से प्रवृत्त होंगे तथा इन नियमों का नाम राजस्थान
सिंचाई प्रणाली के प्रबंध में कृषकों की सहभागिता नियम 2010 होगा।
अधिसूचना के अनुसार कृषकों की सहभागिता नियम 2002, जिन्हें इसमें इसके
पश्चात् उक्त नियमों के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, के अध्याय 13 के
शीर्षक में विद्यमान अभिव्यक्ति ”और बजट” के स्थान पर अब संशोधन के बाद
अभिव्यक्ति ”जल प्रभार कर का संग्रहण और बजट” प्रतिस्थापित की जाएगी।
इसी तरह इन नियमों के विद्यमान नियम 54 के पश्चात् और विद्यमान नियम 55 के
पूर्व नया नियम 54 क अन्त:स्थापित किया जाएगा। नियम 54 क के अनुसार जल
प्रभार अथवा कर जल उपयोक्ता संगमों द्वारा संग्रहीत किया जाएगा और राज्य
खजाने में निक्षिप्त कराया जाएगा। संग्रहीत जल प्रभार कर में कृषकों के
संगठन का अंश संग्रहीत जल प्रभार अथवा कर का 50 प्रतिशत होगा। संग्रहीत जल
प्रभार कर का ऐसा 50 प्रतिशत राज्य सरकार के आदेशानुसार जल उपयोक्ता संगम,
वितरण समिति और परियोजना समिति में वितरित किया जायेगा। इसी तरह संग्रहित
जल प्रभार एवं कर में कृषक संगठनों के अंश, समय-समय पर संबंधित कृषक संगठन
द्वारा दावा प्रस्तुत करने पर सम्बद्ध अधिशासी अभियन्ता द्वारा संदत्त किए
जाएंगे।
में कृषकों की सहभागिता नियम-2002 को संशोधित किया है। ये नियम राजपत्र
में प्रकाशन की तिथि से प्रवृत्त होंगे तथा इन नियमों का नाम राजस्थान
सिंचाई प्रणाली के प्रबंध में कृषकों की सहभागिता नियम 2010 होगा।
अधिसूचना के अनुसार कृषकों की सहभागिता नियम 2002, जिन्हें इसमें इसके
पश्चात् उक्त नियमों के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, के अध्याय 13 के
शीर्षक में विद्यमान अभिव्यक्ति ”और बजट” के स्थान पर अब संशोधन के बाद
अभिव्यक्ति ”जल प्रभार कर का संग्रहण और बजट” प्रतिस्थापित की जाएगी।
इसी तरह इन नियमों के विद्यमान नियम 54 के पश्चात् और विद्यमान नियम 55 के
पूर्व नया नियम 54 क अन्त:स्थापित किया जाएगा। नियम 54 क के अनुसार जल
प्रभार अथवा कर जल उपयोक्ता संगमों द्वारा संग्रहीत किया जाएगा और राज्य
खजाने में निक्षिप्त कराया जाएगा। संग्रहीत जल प्रभार कर में कृषकों के
संगठन का अंश संग्रहीत जल प्रभार अथवा कर का 50 प्रतिशत होगा। संग्रहीत जल
प्रभार कर का ऐसा 50 प्रतिशत राज्य सरकार के आदेशानुसार जल उपयोक्ता संगम,
वितरण समिति और परियोजना समिति में वितरित किया जायेगा। इसी तरह संग्रहित
जल प्रभार एवं कर में कृषक संगठनों के अंश, समय-समय पर संबंधित कृषक संगठन
द्वारा दावा प्रस्तुत करने पर सम्बद्ध अधिशासी अभियन्ता द्वारा संदत्त किए
जाएंगे।