कोलकाता। राज्य सरकार ने बंगाल में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए
प्रधानमंत्री के ‘साक्षर भारत मिशन प्रोजेक्ट’ को शुरू कर दिया है।
जनशिक्षा व ग्रंथागार विभाग के मंत्री तपन राय ने बृहस्पतिवार को राइटर्स
में मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के साथ विभागीय स्तर की बैठक करने के
बाद पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नौ जिलों में इसकी
शुरुआत की गई है जिनमें जलपाईगुड़ी, मालदा, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया,
बांकुड़ा, वर्द्धमान, वीरभूम, उत्तर व दक्षिण चौबीस परगना शामिल ंहैं। इस
बाबत 63 नये स्कूल खोले गये हैं जहां शारीरिक व मानसिक रूप से विकलांग
लोगों की पढ़ाई की भी व्यवस्था है। प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए राज्य
में 1366 वयस्क शिक्षा केन्द्र भी हैं जिनमें 14 उच्च माध्यमिक स्तर के
हैं। इसके अलावा 54 विशेष शिक्षा गृह भी हैं जिनमें 12 सरकारी व 42 सरकारी
सहायता प्राप्त हैं। उल्लेखनीय है कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले साल सितम्बर में शुरू किया गया था।
प्रोजेक्ट का काम वर्ष 2012 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट
के दायरे में विभिन्न राज्यों के 362 जिले हैं। मंत्री ने कहा कि ग्राम,
शहर व जिलों के पुस्तकालयों को इंटरनेट के जरिये जोड़ने की भी योजना है
ताकि विभिन्न पुस्तकालयों में किताबों की उपलब्धता के बारे में सूचना
प्राप्त की जा सके। राज्य में वर्तमान में 2.5 लाख पुस्तकालय हैं जिनपर
1400 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। श्री राय ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर
किये गये एक सर्वेक्षण में पाया गया कि देश में अब भी पचास फीसदी से अधिक
महिलाएं निरक्षर हैं।
प्रधानमंत्री के ‘साक्षर भारत मिशन प्रोजेक्ट’ को शुरू कर दिया है।
जनशिक्षा व ग्रंथागार विभाग के मंत्री तपन राय ने बृहस्पतिवार को राइटर्स
में मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के साथ विभागीय स्तर की बैठक करने के
बाद पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नौ जिलों में इसकी
शुरुआत की गई है जिनमें जलपाईगुड़ी, मालदा, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया,
बांकुड़ा, वर्द्धमान, वीरभूम, उत्तर व दक्षिण चौबीस परगना शामिल ंहैं। इस
बाबत 63 नये स्कूल खोले गये हैं जहां शारीरिक व मानसिक रूप से विकलांग
लोगों की पढ़ाई की भी व्यवस्था है। प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए राज्य
में 1366 वयस्क शिक्षा केन्द्र भी हैं जिनमें 14 उच्च माध्यमिक स्तर के
हैं। इसके अलावा 54 विशेष शिक्षा गृह भी हैं जिनमें 12 सरकारी व 42 सरकारी
सहायता प्राप्त हैं। उल्लेखनीय है कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले साल सितम्बर में शुरू किया गया था।
प्रोजेक्ट का काम वर्ष 2012 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट
के दायरे में विभिन्न राज्यों के 362 जिले हैं। मंत्री ने कहा कि ग्राम,
शहर व जिलों के पुस्तकालयों को इंटरनेट के जरिये जोड़ने की भी योजना है
ताकि विभिन्न पुस्तकालयों में किताबों की उपलब्धता के बारे में सूचना
प्राप्त की जा सके। राज्य में वर्तमान में 2.5 लाख पुस्तकालय हैं जिनपर
1400 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। श्री राय ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर
किये गये एक सर्वेक्षण में पाया गया कि देश में अब भी पचास फीसदी से अधिक
महिलाएं निरक्षर हैं।