जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : ग्रामीण विकास
एवं पंचायती राज मंत्री भरत सिंह ने हरित राजस्थान योजना के तहत लगाये
जाने वाले एक-एक पौधे की उचित संरक्षा करने का आह्वान किया है। उन्होंने
कहा कि राज्य में प्रत्येक पंचायत समिति की दो-दो ग्राम पंचायतों में वन
विभाग द्वारा नर्सरी विकसित कर प्रदेश को हरा-भरा बनाने की दिशा में
योगदान दिया जाएगा।
गुरुवार को यहां शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में महात्मा गांधी
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत हरित राजस्थान योजना की
उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए भरत सिंह ने निर्देश दिये
कि इस बात की मोनीटरिंग की जाए कि राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण,
विस्तार के कार्यों के दौरान कार्यकारी एजेंसी व कंपनियों द्वारा जितने
पेड़ काटे गये, क्या उनकी एवज में उतने पेड़ लगाये गए। इसके लिए अतिरिक्त
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक इस माह के अंत तक आयोजित कर उसमें
सार्वजनिक निर्माण विभाग, वन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुडे़
अधिकारियों को आमंत्रित कर यह सुनिश्चित किया जाए कि इन राजमार्गों में
सड़कों के आस-पास निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप पौधरोपण हो।
मंत्री ने कहा कि वन विभाग द्वारा राज्य की सभी 249 पंचायत समितियों
की दो-दो ग्राम पंचायतों का चयन कर वहां भविष्य में पौधरोपण के लिए नर्सरी
विकसित की जाएगी। इसके लिए जिन ग्राम पंचायतों में चारागाह भूमि, वन भूमि
व पानी की उपलब्धता हो तथा जहां नर्सरी बेहतर तरीके से विकसित हो सके, ऐसी
इच्छुक ग्राम पंचायतें, इनके प्रस्ताव उपवन संरक्षक के माध्यम से संबंधित
जिला कलेक्टर को प्रस्तुत कर सकेंगी। पौधों की सुरक्षा के लिए पंजीकृत
गोशालाएं, जिनके पास भूमि एवं जल की व्यवस्था है, वहां भी मनरेगा के तहत
नर्सरियां विकसित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. अहमद, प्रमुख शासन सचिव, वन एवं
पर्यावरण वी.एस. सिंह, प्रमुख शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज
सी.एस.राजन, आयुक्त एवं शासन सचिव, महात्मा गांधी नरेगा तन्मय कुमार,
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, विकास राहुल कुमार, मुख्य वन संरक्षक,
योजना बी.एस. रत्नास्वामी, शासन सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग, पी.के.
सक्सेना, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बायोफ्यूल आर.के. नाग, परियोजना
निदेशक एवं उप सचिव, ईजीएस रामनिवास मेहता सहित संबंधित विभागों के
अधिकारी उपस्थित थे।