बांका। जिले में मनरेगा के बूते हरियाली लाने की योजना दम तोड़ती नजर आ रही
है। जिले में सामाजिक वानिकी योजना के अन्तर्गत तीन लाख 70 हजार पेड़ लगाने
की स्वीकृति मिली थी। इस योजना के तहत जिले में लगभग एक लाख से अधिक पेड़
भी लगाया गया। लेकिन देख-रेख के अभाव में आधे से अधिक पेड़ सूख गये। ऐसी
स्थिति में पर्यावरण सुरक्षा के लिए बनाया गया यह योजना कितना सफल है यह
सबके सामने है। उपविकास आयुक्त अमरनाथ मिश्रा के अनुसार जिले में सामाजिक
वानिकी योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में दो-दो हजार पेड़ लगाने की योजना
थी। पीआरएस एवं मुखिया, पंचायत समिति सदस्य के मदद से कार्य को अंजाम दिया
जाना था। इधर कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुसार पानी के कमी के कारण काफी पेड़
सूख गये। सूखे पेड़ को फिर से लगाया जायेगा।
है। जिले में सामाजिक वानिकी योजना के अन्तर्गत तीन लाख 70 हजार पेड़ लगाने
की स्वीकृति मिली थी। इस योजना के तहत जिले में लगभग एक लाख से अधिक पेड़
भी लगाया गया। लेकिन देख-रेख के अभाव में आधे से अधिक पेड़ सूख गये। ऐसी
स्थिति में पर्यावरण सुरक्षा के लिए बनाया गया यह योजना कितना सफल है यह
सबके सामने है। उपविकास आयुक्त अमरनाथ मिश्रा के अनुसार जिले में सामाजिक
वानिकी योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में दो-दो हजार पेड़ लगाने की योजना
थी। पीआरएस एवं मुखिया, पंचायत समिति सदस्य के मदद से कार्य को अंजाम दिया
जाना था। इधर कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुसार पानी के कमी के कारण काफी पेड़
सूख गये। सूखे पेड़ को फिर से लगाया जायेगा।