औद्योगिक वृद्धि दर 17.6 फीसदी, दादा मांगे मोर

नई दिल्ली। आर्थिक वृद्धि और औद्योगिक वृद्धि के अनुमान से बेहतर
आंकड़ों से वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की भूख शांत नहीं हो रही है। उन्हें
इससे भी तेज वृद्धि चाहिए।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक अप्रैल 2010 में एक साल पहले के इसी महीने की
तुलना में 17.6 प्रतिशत ऊंचा रहा। इस पर मुखर्जी ने कहा कि उनकी भूख अभी
शांत नहीं हुई है, वह इससे बेहतर चाहते हैं। एक महीने पहले औद्योगिक वृद्धि
13.5 प्रतिशत और एक साल पहले अप्रैल में 1.1 प्रतिशत रही थी। मुखर्जी ने
कहा कि मेरी भूख अनंत है, मुझे उस समय खुशी होगी जब यह 20 फीसदी होगी।
अप्रैल महीने की यह औद्योगिक वृद्धि 20 साल में सर्वाधिक है। औद्योगिक
वृद्धि में विनिर्माण क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा है। औद्योगिक वृद्धि
सूचकांक में 80 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले कारखाना क्षेत्र की वृद्धि
19.4 फीसदी रही। इसमें पूंजीगत और उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र की वृद्धि काफी
अच्छी रही। कारखाना क्षेत्र के अंतर्गत पूंजीगत वस्तुओं की वृद्धि आलोच्य
महीने में 72.8 फीसदी रही।

वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजीगत वस्तुओं की वृद्धि पिछले कुछ समय से
बेहतर रही है। उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है
और अगर मानसून सामान्य रहा तो अर्थव्यवस्था पर प्रभाव सकारात्मक रहेगा।

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