लखनऊ। सुधारों और उदारीकरण की दिशा में एक
और कदम बढ़ाते हुए यूपी बोर्ड ने स्ववित्तापोषित स्कूलों को नया तोहफा
दिया है। यूपी बोर्ड से कक्षा नौ व दस की मान्यता लेने वाले
स्ववित्तापोषित स्कूलों को अब कक्षा छह, सात व आठ भी चलाने की अनुमति
होगी। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा
मंत्री ने रंगनाथ मिश्र मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इसके कई फायदे होंगे। एक तो स्कूलों को कक्षा छह से
आठ तक की कक्षाएं संचालित करने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद से अलग से
मान्यता नहीं लेनी पड़ेगी। दूसरा लाभ यह होगा कि बच्चा एक ही स्कूल में
कक्षा छह से लेकर दसवीं या बारहवीं तक पढ़ सकेगा। अभिभावक बार-बार बच्चों
के स्कूल बदलने की चिंता से मुक्त हो जाएंगे। तीसरा लाभ यह होगा कि बच्चा
एक ही पद्धति से उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्तर की पढ़ाई पूरी कर सकेगा जो
उसके हित में होगा। उन्होंने बताया कि बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 लागू होने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के
अंतर्गत संचालित संबद्ध प्राइमरी स्कूलों को निर्देश दिये जा रहे हैं कि
वे अगले पांच वर्षों में इस अधिनियम के मानकों को पूरा कर लें। उन्होंने
बताया कि माध्यमिक विद्यालयों में ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षाओं में
व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई कराने वाले अतिथि विशेषज्ञों की शैक्षिक
योग्यता तय करने और और चयन नियमावली बनाने के भी निर्देश दिये गए हैं।
इससे पूर्व यहां वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय में विभाग की मासिक समीक्षा
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने मंडलीय संयुक्त निदेशकों और जिला
विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया कि वे आईसीएसई व सीबीएसई से
मान्यताप्राप्त स्कूलों को अनापत्तिप्रमाणपत्र जारी करते समय यह ध्यान
रखें कि नया विद्यालय पुराने स्कूलों से कम से कम पांच किमी दूर हो।
उन्होंने बताया कि सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना से संबंधित
29000 मामले सत्यापन के लिए लम्बित हैं। यह मामले उन बालिकाओं से संबंधित
हैं जो एक जिले की निवासी हैं और पड़ोसी जिले में पढ़ती हैं। सत्यापन के इन
मामलों को शीघ्र निस्तारित करने के लिए उन्होंने मंडलायुक्तों को निर्देश
देने के लिए कहा। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से चयनित अध्यापकों को
उन्होंने तत्काल स्कूलों में ज्वाइन कराने के लिए कहा। इसमें हीलाहवाली
करने वाले प्रबंधकों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि
विद्यालयों के प्रबंधतंत्र के चुनाव में देर होने पर अधिकारी दंडित किये
जाएंगे।