रुड़की (हरिद्वार)। यदि सहकारी समिति के
गोदामों पर जल्द खाद नहीं भेजा गया तो अगले माह खाद का बड़ा संकट उत्पन्न
हो सकता है। इस पर जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां ने खाद कोटा बढ़ाने
के निर्देश समितियों को दिए हैं।
कांवड़ियों का आवागमन जल्द शुरु हो जाएगा। जैसे-जैसे जलाभिषेक की तिथि
नजदीक आती जाएगी तो उसी के साथ कांवडि़यों की संख्या भी बढ़ती चली जाएगी।
इस बीच हाईवे पूरी तरह कांवड़ियों के हवाले हो जाएगा। अन्य मार्गो पर भी
शिवभक्तों का ही आवागमन रहेगा। जिससे कि वाहनों का आवागमन इस बीच थम
जाएगा। जाहिर है कि इस बीच जमालपुर गोदाम से खाद जिले की सहकारी समितियों
पर नहीं पहुंच पाएगा। दूसरे हरिद्वार से सीधे रुड़की, भगवानपुर, नारसन,
मंगलौर, लंढौरा, धनौरी, पिरान कलियर आने के लिए कोई मार्ग खाली नहीं
मिलेगा। जिससे कि समितियों के गोदामों पर खाद नहीं पहुंच पाएगा। जबकि
इन्हीं दिनों बारिश होने की अधिक संभावना है। बारिश होते ही किसान का जोर
ईख व हरे चारे की फसलों में खाद का छिड़काव करने पर रहेगा। गौरतलब है कि
फिलहाल किसी भी समिति के गोदाम पर डिमांड के अनुरूप यूरिया, डीएपी व
एनपीके खाद नहीं है। यदि जल्द खाद समिति गोदामों पर नहीं पहुंचता तो
निश्चित रूप से सहकारिता विभाग की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। जिला सहायक
निबंधक एमपी त्रिपाठी का कहना है कि इस संबंध में सभी सहकारी समितियों के
प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह किसानों की डिमांड के अनुरूप
जमालपुर इफको गोदाम से खाद जुटा लें। उन्होंने बताया कि पांच दिन के भीतर
जरूरत के मुताबिक खाद जुटाने के निर्देश प्रबंध निदेशकों को दिए गए हैं।