26 साल, 19 जज, 8 दोषी, सजा 2 साल

भोपाल: दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी में मरे करीब ख्भ् हजार लोगों
को ख्म् साल बाद न्याय मिला या नहीं, इस पर बहस अब भी जारी रहेगी। परंतु
ख् और फ् दिसंबर, क्9त्तब् को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड
के संयंत्र से निकली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के कारण हुए हादसे पर क्9 जजों
द्वारा की गई सुनवाई के बाद अंतत: अदालत का फैसला आ गया है।
सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहन पी. तिवारी ने खचाखच भरी अदालत
में अपना निर्णय सुनाया। फैसले में उन्होंने यूनियन कार्बाइड के भारतीय
चेयरमैन, अब त्तभ् वर्ष के हो चुके केशब महिंद्रा समेत त्त लोगों को दोषी
करार देते हुए दो-दो साल की सजा और प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये का
जुर्माना भरने को कहा है। यूनियन कार्बाइड पर भी भ् लाख का जुर्माना किया
गया है। लेकिन घटना के सबसे बड़े दोषी वारेन एंडरसन के बारे में अदालत ने
कुछ भी नहीं कहा।
-सिर्फ लापरवाही : दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा फ्0ब्-ए और
फ्0ब्-दो (लापरवाही को जानते हुए उसे गंभीरता से न लेना, जिसके
परिणामस्वरूप किसी की मौत हो जाना), फ्फ्म्, फ्फ्7, फ्फ्त्त (घोर
लापरवाही) के तहत सजा सुनाई गई।
सजा दिए जाने के दौरान दुर्घटना के समय यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन वारेन
एंडरसन का कहीं कोई जिक्र नहीं था। एंडरसन को क्99ख् में भगोड़ा घोषित कर
दिया गया था। फिलहाल वह अमेरिका में रह रहा है। अन्य दोषियों में विजय
विजय गोखले (कंपनी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक), किशोर कामदार (कंपनी के
तत्कालीन उपाध्यक्ष), जे. एन. मुकुंद (तत्कालीन तत्कालीन मैनेजर), एसपी
चौधरी (तत्कालीन प्रोडक्शन मैनेजर), केवी शेंट्टी (तत्कालीन प्लांट
सुपरिटेंडेंट) और एसआई कुरैशी (तत्कालीन प्रोडक्शन असिस्टेंट) शामिल हैं।
कुरैशी को छोड़कर महिंद्रा समेत बाकी सातों लोग अदालत में उपस्थित थे। एक
अन्य आरोपी रहे आर बी रायचौधरी (कंपनी के तत्कालीन व‌र्क्स मैनेजर) की मौत
हो चुकी है।
बीते ख्फ् वर्ष में इस मामले में अदालत में क्7त्त गवाहों और फ्00त्त
दस्तावेजों को पेश किया गया। सुनवाई में यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन
(अमेरिका) और यूनियन कार्बाइड ईस्टर्न (हांगकांग) भी मौजूद नहीं थीं।
-तत्काल जमानत : सभी दोषियों ने न्यायाधीश द्वारा सजाए सुनाए जाने के बाद
में जमानत की अर्जी दी। जिसे स्वीकार कर लिया गया। पीड़ितों के लिए न्याय
की लड़ाई लड़ रहे संगठनों और परिवारों ने सजा को बहुत कम और बहुत विलंब से
बताया।
-यूनियन कार्बाइड में थी खराबी : इससे पूर्व सीबीआई के वकील सी. सहाय ने
कंपनी के डिजायन और उसके खराब रख-रखाव को दुर्घटना का जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘क्9त्तख् में अमेरिकी यूनियन कार्बाइड के अधिकारियों ने
भोपाल स्थित कारखाने का निरीक्षण किया था और उसकी सुरक्षा और रख-रखाव में
भारी कमी पाई थी। दुर्घटना के बाद भोपाल के कारखाने में जांच करने पहुंची
अमेरिकी टीम को वही कमियां मिली थीं।’
-तारीख पर तारीख : दुर्घटना की एफआईआर फ् दिसंबर, क्9त्तब् को दायर की गई
और म् दिसंबर, क्9त्तब् को मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को
स्थानांतरित कर दिया। सीबीआई ने एक दिसंबर, क्9त्त7 को चार्जशीट दायर की
और इसके बाद एक स्थानीय अदालत ने आरोप तय किए।

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