जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : अरब सागर से
उठे चक्रवाती तूफान फेत के कारण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने
वाले लोगों ने भी दो दिन तक बाढ़ का नजारा देखा। रेतीले धोरों में कभी
पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आता वहां पानी की नदियां देखकर लोगों को ताज्जुब
हुआ। हालांकि तेज बारिश का दौर आज पूरे राजस्थान में ही थम गया। सुबह जरूर
प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में बारिश हुई, लेकिन शाम तक सभी स्थानों पर
आसमान साफ हो गया।
तेज बारिश की वजह से जैसलमेर सहित जोधपुर संभाग कुछ इलाकों में
उत्पन्न हुए बाढ़ के हालात अब ठीक होते जा रहे है। बाढ़ के कारण पोकरण के
लाठी गांव में लोग अभी भी अपने घरों से दूर है। यहां सैकड़ों घर तबाह हो गए
है। तेज बारिश से पानी की आवक बढ़ने से गांव का बांध टूट गया जिससे लोग तो
बाहर निकल गए,लेकिन पशु पानी में बह गए। भारी मात्रा में घरों का सामान बह
गया। बाढ़ के कारण अपने घरों की छतों पर बैठे लोगों को सेना के जवानों ने
सोमवार देर रात और आज सुबह सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सेना वहां बचाव
कार्याें में जुटी हुई है। सेना ने पूरे इलाके में मोर्चा संभाल रखा है।
भारी बारिश के कारण कई इलाकों में यातायात प्रभावित होने के साथ ही
सामान्य जनजीवन पूरी तरह से ठप्प हो गया। जैसलमेर और जोधपुर जिलों के कई
इलाकों में दो दिन से ना तो स्कूल खुल सके और ना ही कार्यालय खुले। मजदूरी
कर जीवन यापन करने वालों को इससे काफी मुश्किल हुई। जैसलमेर के 85 वर्षीय
रामजेठ का कहना है कि पूरी उम्र में शायद दूसरी अथवा तीसरी बार इतनी तेज
बारिश देखी है। जबकि यहां तो कभी बारिश ही नहीं आती है। जैसलमेर, बाड़मेर,
पाली, जोधपुर, नागौर डूंगरपुर और बांसवाड़ा में पिछले चौबीस घन्टों में हुई
तेज बारिश के कारण हालात काफी खराब हो गए। जैसलमेर-जोधपुर राजमार्ग का
सम्पर्क कट गया। जैसलमेर के रामदेवरा में पानी से बही मिट्टी के कारण रेल
की पटरियां हवा में झूलती नजर आई। यहां रेल यातायात पूरी तरह से ठप्प हो
गया। इसके अलावा भी दो-तीन मार्गाें पर सोमवार देर रात को रेलों का आवागमन
रोका गया था जिसे आज सुबह शुरू कर दिया गया। बीकानेर में भी दो दिन में
तेज बारिश हुई। फलौदी में रेल की पटरियां पानी में डूबी हुई है। यहां रेल
यातायात पूरी तरह से बंद है। तेज बारिश से लोगों को नुकसान तो बहुत हुआ,
लेकिन रेतीले इलाकों के लोगों को कहना है कि बारिश तेज आई और बाढ़ से
नुकसान तो बहुत हो गया, लेकिन बरसात तो आनी चाहिए। यहां कई सालों से बारिश
नहीं हो रही है। लोगों को पीने के पानी के लिए मुश्किल हो रही थी। अब अगर
बारिश आती है तो यह समस्या हल हो जाएगी।
जोधपुर संभाग के आधा दर्जन जिलों सहित राज्य के कई इलाकों में भारी
बारिश के कारण बिगड़े हालात के बारे में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
जिलों के आला अधिकारियों से टेलीफोन पर हालात की जानकारीली। मुख्यमंत्री
के निर्देश पर कई आला अधिकारी प्रभावित इलाकों में पहुंचे। इसके साथ ही
जिलो के प्रभारी मंत्री भी अपने प्रभार वाले इलाकों में पहुंच गए। इधर
मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फेट अब हरियाणा और उत्तरप्रदेश की
सीमा में जाएगा और एवं पहुंचने के बाद उसका प्रभाव कम हो जाएगा।