किसानों को 15 जुलाई तक खरीफ को सहकारी ऋण

इस वर्ष खरीफ में काश्तकारों को सहकारी बैंकों के माध्यम से चार हजार 500
करोड़ रुपये के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जायेंगे। यह गत वर्ष की तुलना
में दुगुने होने के साथ ही किसी एक वर्ष में सहकारी बैंकों द्वारा
काश्तकारों को वितरित फसली सहकारी ऋणों में सर्वाधिक होंगे। यह जानकारी
मंगलवार को यहां सचिवालय में सहकारिता विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के
दौरान सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव आर.के. मीणा और रजिस्ट्रार
मुकेश शर्मा ने सहकारिता विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों व सहकारी बैंकों
के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को दी। मीणा ने बताया कि अब तक बैंकों
द्वारा लगभग एक हजार करोड़ रुपए के फसली सहकारी कर्जें उपलब्ध कराये जा
चुके हैं। उन्होंने सहकारी बैंकों को निर्देश दिए कि वर्षा का दौर शुरु हो
गया है और काश्तकारों को नई फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने के लिए खरीफ के
लिए आवश्यक रूप से 15 जुलाई तक फसली सहकारी कजर्ें उपलब्ध कराएं। इस वर्ष
नए काश्तकारों, ऋण माफी व ऋण राहत योजना के लाभार्थियों को भी सहकारी ऋण
व्यवस्था से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि आदान अनुदान काश्तकारों को
वितरित करने के साथ ही काश्तकारों को सदस्य बनाकर नई ग्राम सेवा सहकारी
समितियों का गठन भी करवाया जा सकता है। अवधिपार सहकारी ऋणों के दोषी
ऋणियों को 30 जून तक ऋण राहत योजना का लाभ दिया जा सकता है। राहत योजना
में 75 प्रतिशत राशि जमा कराकर 25 प्रतिशत की छूट का लाभ प्राप्त नहीं
करने वाले ऋणियों से सख्ती से वसूली की तैयारी अभी से शुरु कर दें, ताकि
30 जून के बाद ऐसे जानबूझ कर ऋण जमा नहीं कराने वाले ऋणियों के विरुद्घ
सख्त कार्रवाई की जा सके। मुकेश शर्मा ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों के
व्यवस्थापकों की बकाया स्क्रीनिंग को एक सप्ताह में निपटाने के निर्देश
दिए, ताकि व्यवस्थापकों के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही शुरु की जा
सके। उन्होंने केन्द्रीय सहकारी बैंकों व भूमि विकास बैंकों के रिक्त पदों
को भरने के संबंध में स्पष्ट प्रस्ताव शीघ्र भिजवाने निर्देश देते हुए
चेतावनी दी कि विभाग को अन्यथा स्थिति में सहकारिता अधिनियम के तहत अप्रिय
कदम उठाने को बाध्य होना पड़ेगा।

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