भागलपुर। भागलपुर की दर्जनों महिला मुखिया
ने कहा है कि पिछले साढ़े चार साल में उन्हें अपने कार्यों के संचालन में
समस्याओं व चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मुखिया की कार्यशैली पर
नौकरशाह हावी है। पंचायत सचिव भी मनमानी करते हैं। प्रखंड से जिला तक
रिश्वतखोरों का बोलबाला है। बिना रिश्वत के काम नहीं होने की स्थिति में
मुखिया को भी चढ़ावा देना पड़ता है।
मंगलवार को एक एनजीओ के तत्वावधान में स्थानीय एक स्कूल में महिला
सशक्तिकरण में मीडिया की भूमिका पर कार्यक्रम आयोजित हुई। जिसमें महिला
मुखिया ने जमकर अपनी बात कही और व्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद की। इस
कार्यक्रम में एनजीओ की संचालिका के अलावा पंचायती राज के विशेषज्ञ
तेजनारायण सिंह मौजूद थे। लोगों ने कहा कि मीडिया समाज का दर्पण होता है
जो भ्रष्ट लोगों के कारगुजारी को उजागर कर समाज के समक्ष रखता है। मीडिया
की सकारात्मक भूमिका ही समाज के भ्रष्ट लोगों पर अंकुश लगा सकता है। इस
अवसर पर पंचायती राज के विशेषज्ञ ने जनप्रतिनिधियों के अधिकार और क्षेत्र
के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उपरोक्त जानकारी एनजीओ के प्रोग्राम
एसोसिएट विमल कांत व प्रोजेक्ट की शाहिना परवीन ने संयुक्त रूप से दी।