कांके (रांची)। कांके में रविवार को सरना
महापंचायत ने कड़ा निर्णय लेते हुए समाज के दो महत्वपूर्ण परिवारों को समाज
से बहिष्कृत कर दिया। दोनों पर गैर-आदिवासी मुस्लिम समाज के साथ
रिश्तेदारी जोड़ने का आरोप लगाया गया। बहिष्कृत परिवारों में कांके सरना
समिति के संस्थापक शिव शंकर उरांव और इस्लाम धर्म अपनाने वाले ग्राम
प्रधान का परिवार शामिल हैं। ग्राम प्रधान को पद से भी हटा दिया गया है।
पहले मामले में कांके सरना समिति के संस्थापक शिवशंकर उराव की पुत्री
ने एक मुस्लिम युवक से शादी रचाई है। इस मामले में बैठक में गंभीर बहस भी
हुई। निकाह की बात छिपाने, गांव में बैठक में बुलाने पर अनुपस्थित रहने
तथा सरना महापंचायत पर कानूनी कार्रवाई की धमकी के मद्देनजर यह निर्णय
लिया गया। इस मामले को लेकर बैठक के समापन के समय स्थिति हंगामेदार हो गई।
शंकर उरांव सहित परिवार के सदस्यों ने युवक को सरना धर्म में लाने की बात
का भरोसा दिलाया। मौके पर 14 सदस्यीय निर्णायक मंडली के अध्यक्ष ननकू
उरांव ने उनसे इस निर्णय पर पुनर्विचार के लिए आवेदन देने को कहा, लेकिन
बात आगे बढ़ गई और कुछ सदस्यों पर व्यक्तिगत आक्षेप भी लगाए जाने लगे।
दूसरे मामले में कांके प्रखंड के सतकनादु गांव के ग्राम प्रधान अजय
उरांव ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर मुस्लिम युवती से शादी रचा ली है। इस
शादी के मामले पर ही उन्हें ग्राम प्रधान के पद सहित सभी धार्मिक एवं
सामाजिक अधिकारों से वंचित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में बड़ी संख्या
में समाज के लोग उपस्थित थे।