जयपुर, जासंकें : राज्य में प्रमाणिक बीजों
की कमी को देखते हुए तिलम संघ इस वर्ष से प्रदेश में मूंग, मोठ और ग्वार
के प्रमाणिक बीजों का प्रसंस्करण भी शुरू करेगा। सहकारी समितियों के
रजिस्ट्रार मुकेश शर्मा ने यह जानकारी बुधवार को यहां नेहरू सहकार भवन में
तिलम संघ की समीक्षा बैठक में दी। तिलम संघ के कोटा प्लांट में गेहूं,
चना, सरसों और सोयाबीन के प्रमाणिक बीज तैयार कर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
तिलम संघ द्वारा बीज प्रसंस्करण के लिए फतेहनगर और श्रीगंगानगर में एक-एक
बीज प्रसंस्करण इकाई और लगाई जा चुकी है। वहीं बीकानेर में मूंगफली के बीज
प्रसंस्करण इकाई लगाने के प्रयास जारी हैं। शर्मा ने बताया कि राज्य में
प्रमाणिक बीजों की कमी को देखते हुए तिलम संघ ने प्रमाणिक बीज तैयार कर
उपलब्ध कराने का कार्य पिछले वर्षो से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया है। इस
साल तिलम संघ ने 61 हजार 300 क्विंटल प्रमाणिक बीज तैयार करने का निर्णय
लिया है। जिसमें 33 हजार क्विंटल सोयाबीन, चार हजार 400 क्विंटल सरसों, 22
हजार 400 क्विंटल गेहूं, 300-300 क्विंटल चना, मूंग और मोठ तथा 600 क्िवटल
ग्वार के प्रसंस्करित बीज तैयार करवाए जाएंगे।
गत वर्ष तिलम संघ ने 53 हजार 765 क्विंटल सोयाबीन, सरसों और गेहूं के
प्रमाणिक बीज का उत्पादन किया था। बाजरे के बीज की संभावित कमी को देखते
हुए शर्मा ने तिलम संघ को आन्ध्र प्रदेश बीज निगम से समन्वय बनाते हुए बीज
की उपलब्धता व भविष्य में बाजरे के बीज की भी प्रसंस्करण इकाई लगाने की
संभावना तलाशने के निर्देश दिए। तिलम संघ की प्रबन्ध संचालक शशि मधोक ने
बताया कि वर्ष 2009-10 के दौरान 13 हजार 575 टन सोयाबीन, सात हजार 378 टन
सरसों और तीन हजार 413 टन से अधिक मूंगफली की खरीद की गई। इस वर्ष 14 हजार
500 टन सोयाबीन, सात हजार 100 टन सरसों और तीन हजार 500 टन मूंगफली की
खरीद का कार्यक्रम बनाया गया है।