रुड़की (हरिद्वार)। जिले में इस बार धान का
क्षेत्रफल घट जाएगा। गन्ने के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी होने की वजह से यह
स्थिति उत्पन्न हुई है। कृषि विभाग के अधिकारी इस बात को लेकर भी चिंतित
नजर आ रहे हैं कि इस बार सरकारी गोदामों पर बीज की खरीदारी करने के लिए कम
संख्या में किसान आ रहे हैं। ऐसे में यदि बीज की बिक्री नहीं की गई तो
उनको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस बार गन्ने के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे। शुरूआती सीजन में
तो गन्ना तीन सौ रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गया था। बीच सीजन में दाम कुछ
कम हुए तो बाद में गन्ना फिर तीन सौ रुपये प्रति कुंतल पर पहुंच गया। चीनी
मिलों में भी किसानों को 275 रुपये प्रति कुंतल का भाव मिलता रहा। भाव से
उत्साहित किसानों ने इस बार गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ा दिया है। गन्ना विभाग
के अधिकारियों की माने तो इस बार गन्ना क्षेत्रफल में सोलह फीसदी तक की
बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ने का सबसे ज्यादा
नुकसान धान की फसल को हो रहा है। धान की फसल का क्षेत्रफल इस बार बेहद कम
हो गया है। तांशीपुर न्याय पंचायत के प्रभारी अनिल मलिक, पनियाला न्याय
पंचायत प्रभारी इलम सिंह व बेलड़ा न्याय पंचायत प्रभारी आरके शर्मा ने
बताया कि उन्हें यहां पिछले वर्ष जिन किसानों ने चालीस से पचास बीघा पर
धान की रोपायी की थी, उनके पास धान का मात्र पंद्रह से बीस बीघा ही
क्षेत्रफल बचा हुआ है। उनकी न्याय पंचायतों में सभी किसानों ने धान का
क्षेत्रफल घटा दिया है। ऐसे में पिछले साल के आंकड़े को छू पाना इस बार
मुश्किल हैं। दूसरी ओर सरकारी गोदामों पर किसान बीज की खरीदारी के लिए भी
नहीं पहुंच रहे है। ऐसे में न्याय पंचायत प्रभारियों को इस बात की चिंता
सता रही है कि यदि पूरा बीज न बिका तो उन्हें बीज का पैसा अपनी जेब से ही
जमा करना होगा। इस संबंध में जिला मुख्य कृषि अधिकारी दिनेश कुमार का कहना
है कि किसानों की सुविधा को देखते हुए विभाग ने समय से पहले बीज उपलब्ध
करा दिया था। उन्होंने स्वीकार किया कि इस बार जिले में धान का क्षेत्रफल
घट सकता है।