जमुई। भारत की जगणना 2011 को लेकर संप्रति चल रहे मकान सूचीकरण एवं मकान
गणना अनुसूची निर्माण में व्यापक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इसकी मुख्य
वजह जनगणना से जुड़े प्रगणकों व पर्यवेक्षकों की उदासीनता है। प्रगणकों को
प्रथम चरण में सम्बद्ध ब्लाक का नजरी नक्शा तैयार करना है लेकिन आश्चर्य
की बात यह है कि मुंडे-मुंडे मर्तिभिन्ना: की तर्ज पर पर्यवेक्षकगण अभियान
पर ग्रहण लगाने को आतूर पंचायत सचिव व राजस्व कर्मचारियों को यूं तो
पर्यवेक्षण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है लेकिन शनिवार तक की पुष्ट
सूचना में यह कड़वी सच्चाई सामने आयी है कि 27 पर्यवेक्षकों ने अभी तक
संबंधित प्रगणकों का चेहरा तक नहीं देखा है। प्रगणक-ब्लाक की चौहद्दी व
वहां हो रही प्रगणकों की कठिनाईयों से ऐसे पर्यवेक्षकों ने अभी तक
दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां यह बता दें कि जनगणना 2011 को लेकर 13 से 15 मई
10 तक संचालित तीन दिवसीय प्रशिक्षण में तकरीबन दो दर्जन पर्यवेक्षक
निरंतर अनुपस्थित रहे जिसकी वजह से जनगणना अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा
है। इधर कई प्रगणकों ने चार्ज पदाधिकारी से मिलकर यह शिकायत दर्ज करायी है
कि पर्यवेक्षकों की निरंतर अनुपस्थिति के कारण उन्हें न तो समुचित
दिशा-निर्देश प्राप्त हो सका है और न ही नजरी नक्शा तैयार करने की बाबत
कोई अन्य जानकारी। प्रगणकों की शिकायत यह भी है कि कुछ को महज 15 से 20
घरों का ब्लाक दिया गया है तो कई प्रगणकों को 200 से 250 घरों वाला ब्लाक।
कहीं चौहद्दी अस्पष्ट है तो कुछ मोहल्ले छूट सकते हैं या फिर कुछ टोलों की
दोहरी प्रविष्टि की जा सकती है। प्रखंड मुख्यालय स्थित जनगणना कोषांग ने
30 मई 2010 तक सभी प्रगणकों से नजरी नक्शा तथा मकान गणना अनूसूची जमा करने
को कहा है लेकिन पर्यवेक्षक फरार प्रगणक लाचार हैं। वर्तमान स्थिति को
देखते हुए यही लगता है कि सोनो प्रखंड में जनगणना 2011 अभियान पूरी तरह
कागजी कसरत का ऐसा नमूना बन जायेगा जो वास्तविकता से अलग दिखेगा।
गणना अनुसूची निर्माण में व्यापक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इसकी मुख्य
वजह जनगणना से जुड़े प्रगणकों व पर्यवेक्षकों की उदासीनता है। प्रगणकों को
प्रथम चरण में सम्बद्ध ब्लाक का नजरी नक्शा तैयार करना है लेकिन आश्चर्य
की बात यह है कि मुंडे-मुंडे मर्तिभिन्ना: की तर्ज पर पर्यवेक्षकगण अभियान
पर ग्रहण लगाने को आतूर पंचायत सचिव व राजस्व कर्मचारियों को यूं तो
पर्यवेक्षण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है लेकिन शनिवार तक की पुष्ट
सूचना में यह कड़वी सच्चाई सामने आयी है कि 27 पर्यवेक्षकों ने अभी तक
संबंधित प्रगणकों का चेहरा तक नहीं देखा है। प्रगणक-ब्लाक की चौहद्दी व
वहां हो रही प्रगणकों की कठिनाईयों से ऐसे पर्यवेक्षकों ने अभी तक
दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां यह बता दें कि जनगणना 2011 को लेकर 13 से 15 मई
10 तक संचालित तीन दिवसीय प्रशिक्षण में तकरीबन दो दर्जन पर्यवेक्षक
निरंतर अनुपस्थित रहे जिसकी वजह से जनगणना अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा
है। इधर कई प्रगणकों ने चार्ज पदाधिकारी से मिलकर यह शिकायत दर्ज करायी है
कि पर्यवेक्षकों की निरंतर अनुपस्थिति के कारण उन्हें न तो समुचित
दिशा-निर्देश प्राप्त हो सका है और न ही नजरी नक्शा तैयार करने की बाबत
कोई अन्य जानकारी। प्रगणकों की शिकायत यह भी है कि कुछ को महज 15 से 20
घरों का ब्लाक दिया गया है तो कई प्रगणकों को 200 से 250 घरों वाला ब्लाक।
कहीं चौहद्दी अस्पष्ट है तो कुछ मोहल्ले छूट सकते हैं या फिर कुछ टोलों की
दोहरी प्रविष्टि की जा सकती है। प्रखंड मुख्यालय स्थित जनगणना कोषांग ने
30 मई 2010 तक सभी प्रगणकों से नजरी नक्शा तथा मकान गणना अनूसूची जमा करने
को कहा है लेकिन पर्यवेक्षक फरार प्रगणक लाचार हैं। वर्तमान स्थिति को
देखते हुए यही लगता है कि सोनो प्रखंड में जनगणना 2011 अभियान पूरी तरह
कागजी कसरत का ऐसा नमूना बन जायेगा जो वास्तविकता से अलग दिखेगा।