कुछ बरसों के भीतर राज्य में कृषि उत्पादन को दोगुना करने के उत्तर प्रदेश
सरकार के लक्ष्य से प्रेरणा लेते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने
प्रदेश में वृहद आयोजनों की योजना बनाई है, जो कि किसान और कृषि
अर्थव्यवस्था पर आधारित होंगे।
इसके तहत सीआईआई प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो कृषि संबंधी सम्मेलन का
आयोजन राज्य सरकार के सहयोग से करेगी। सम्मेलन में इस बात पर मंथन किया
जाएगा कि किस तरह कृषि उत्पादन में इजाफा करके, घाटा कम करके और नई
तकनीकों का इस्तेमाल करके किसानों की आय में बढ़ोतरी की जाए।
इनमें से एक सम्मेलन शुगर टेक 2010 खासतौर पर चीनी क्षेत्र पर ही आधारित
होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश ही देश में सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक और दूसरा
सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है। उद्योग चैंबर ने इसके लिए खाका भी तैयार
कर लिया है और फिलहाल इसके साझेदारों की तलाश की कवायद में जुटा हुआ है।
आगामी 24 जुलाई को होने वाले शुगर टेक सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए सीआईआई
ने कानपुर के नैशनल शुगर इंस्टीट्यूट और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ शुगरकेन
रिसर्च (आईआईएसआर), लखनऊ के साथ भी हाथ मिलाया है।
सीआईआई के यूपी यूनिट हेड अनिल शुक्ला ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया-
शुगर टेक 2010 में चीनी उद्योग के कमोबेश हर तबके के प्रतिनिधियों की
भागीदारी होगी, जिनमें किसान, उद्यमी, विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। ये सभी
चीनी उत्पादन के साथ-साथ इस उद्योग में नई संभावनाओं को लेकर विचार-विमर्श
करेंगे। हम चाहते हैं कि उद्योग को इस दशा में पहुंचाया जाए, जहां कि
उद्योगों के साथ-साथ किसानों का मुनाफा भी केवल चीनी के उत्पादन पर ही
निर्भर न रहे। चीनी उत्पादकों का मुनाफा बढ़ानेके लिए इस सम्मेलन में खास
तौर पर चर्चा होगी।
शुक्ला का कहना है कि चूंकि चीनी की खपत की एक सीमा है लिहाजा गन्ने के
अतिरिक्त उत्पादन का इस्तेमाल इथेनॉल के सीधे उत्पादन के लिए किया जा सकता
है। वैसे भी भारत तेल का बड़ा आयातक है और पेट्रोल में मिश्रण के लिए
एथेनॉल की देश में असीमित मांग है।
अगर एथेनॉल का पेट्रोल में मिश्रण किया जाए तो न सिर्फ तेल के आयात बिल
में कमी आएगी बल्कि उद्योग जगत के साथ-साथ किसानों को भी इससे फायदा
पहुंचेगा। शुक्ला कहते हैं- इसके अलावा, अगस्त में होने वाले कृषि सम्मेलन
में हमें राज्य भर से 5000 से ज्यादा किसानों के आने की उम्मीद है।
सम्मेलन में तकनीकी साझेदारी के लिए हम उत्तर प्रदेश के कानपुर और फैजाबाद
में स्थित दो कृषि विश्वविद्यालयों से भी बातचीत कर रहे हैं।