स्मार्ट क्लासरूम, स्मार्ट बच्चे

जागरण प्रतिनिधि, शिमला : हिमाचल में चयनित
उच्च विद्यालयों व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के बच्चे स्मार्ट क्लासरूम
में आईसीटी यानी इन्फार्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नीक सीखकर पहले से भी अधिक
स्मार्ट होकर निकलेंगे। तेजी से बदलते समय में सूचना तकनीक के हर पहलू से
परिचित होना आवश्यक बन गया है। समय की इस मांग को देखते हुए हिमाचल प्रदेश
के उच्च विद्यालयों और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी परियोजना
शुरू की जा रही है। इसके तहत स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे और इनमें
स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करवाई जाएगी। क्लासरूम में एलसीडी यानी लिक्विड
क्रिस्टल डिस्पले प्रोजेक्टर व टीवी स्थापित किए जाएंगे। बच्चे जो सुन
सकेंगे उसे देख भी पाएंगे। इससे पढ़ाया जा रहा विषय और आसान हो जाएगा।

आईसीटी परियोजना के लिए शिक्षा विभाग ग्लोबल टेंडर आमंत्रित करेगा।
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत नब्बे फीसदी खर्च केंद्र वहन करेगा, जबकि
दस फीसदी राज्य सरकार को देना होगा। परियोजना आउट सोर्स की जाएगी। शिक्षा
विभाग ने परियोजना के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित करने का फैसला किया है।
टेंडर की शर्तो को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसे मंजूरी के लिए सरकार को
भेजा गया है। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार टेंडर की शर्ते इसी हफ्ते
मंजूर होने की संभावना है। इस समय पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब सहित देश
के अन्य राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश व गुजरात में परियोजना सफलता से चल रही
है। यहां परियोजना शुरू होने के बाद से बच्चों के ज्ञान व आत्मविश्वास में
उल्लेखनीय बदलाव देखा गया है।

दो चरणों में लागू होगी परियोजना

आईसीटी परियोजना जो चरणों में लागू होगी। पहले चरण में इसे 628 स्कूलों
में शुरू किया जाएगा। अगले चरण में शेष 1100 स्कूलों में योजना लागू की
जाएगी। परियोजना में शामिल किए गए स्कूलों में अलग से दो क्लासरूम बनाए
जाएंगे। इसमें एलसीडी टीवी व प्रोजेक्टर स्थापित किए जाएंगे। इनमें वीडियो
सीडी ते माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी। यहां छात्रों को मल्टी मीडिया व
इंटरनेट की जानकारी भी मिलेगी। इसके लिए अध्यापकों को भी विशेष तौर पर
प्रशिक्षण दिया जाएगा।

628 स्कूलों में क्लास रूम तैयार : डा. ओपी शर्मा

उच्च शिक्षा निदेशक डा. ओपी शर्मा के अनुसार अभी 628 विद्यालयों में
आईसीटी परियोजना के तहत स्मार्ट क्लास रूम तैयार कर एलीसीडी टीवी व
प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी। संयुक्त निदेशक डा. नरेंद्र
अवस्थी ने बताया कि इसके लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। शर्तो को
अंतिम रूप देकर सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही सारी
औपचारिकताएं जल्द पूरी कर दी जाएंगी।

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