गोरखपुर
[जासं]। जुनून, जोश व कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हर मंजिल आसान हो जाती
है। पक्का इरादा लेकर सफर पर निकलने वाले मुसाफिर की राह कोई नहीं रोक
सकता। चाहे वह जेल की सलाखें ही क्यों न हों। गोरखपुर जेल से इंटरमीडिएट
की परीक्षा में पास होकर सात बंदियों ने कामयाबी की इबारत लिख दी है।
हालांकि इनकी सफलता में गोरखपुर जेल प्रशासन का भी योगदान कम नहीं है।
जेल प्रशासन ने परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी के लायक बेहतर माहौल
दिया था। सूबे की जिन सात जेलों को शासन ने इस बार परीक्षा केंद्र बनाया
था उनमें गोरखपुर जेल भी एक है। पहली बार जेल में पढ़ाई और परीक्षा का
प्रयोग परिणाम देखें तो सफल कहा जाएगा।
प्रदेश भर की जेलों से इस बार इंटर मीडिएट की परीक्षा में 74 बंदी
सम्मिलित हुए थे। इनमें 65 पास हुए हैं। गोरखपुर जेल से सात बंदियों ने
इंटर की परीक्षा दी जिनमें सभी के सभी पास हुए। यानि शतप्रतिशत रिजल्ट। दो
प्रथम श्रेणी में जबकि पाच द्वितीय श्रेणी में पास हुए हैं।
प्रथम श्रेणी पास होने वालों में गोंडा जेल से आए अरुण कुमार मिश्र को
65 फीसदी अंक मिले हैं जबकि फैजाबाद जेल से आए मंजीत यादव को करीब 62
फीसदी। इसी प्रकार गोंडा जेल से आए विष्णुदेव तथा छोटकन्नू ने भी सेकेंड
डिवीजन से इंटर की परीक्षा पास की है। सिद्धार्थनगर जेल से आए राम सहाय
वर्मा ने इंटर की परीक्षा वज्ञान वर्ग में पास की है। उसकी भी डिवीजन
सेकेंड है।
बस्ती कार्यालय के अनुसार बस्ती जेल में बंद हरिकात पाठक तथा राहुल
उपाध्याय ने पिछले साल इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया। दोनों
बोर्ड परीक्षा के दौरान माह भर के लिये बस्ती से गोरखपुर जेल भेज दिये
गये। इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में दोनों ने द्वितीय श्रेणी में
इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। हरिकान्त का अनुक्रमांक 1537469 और
राहुल का 1537470 है। बताते चलें कि हरिकान्त पाठक पुत्र उत्तरी प्रसाद
पाठक निवासी लखना थाना छावनी के ऊपर हत्या एवं गैंगेस्टर का अभियोग
पंजीकृत है जबकि लालगंज थानाक्षेत्र के सुकरौली निवासी कैलाश नाथ उपाध्याय
का बेटा राहुल लूट और गैंगेस्टर का आरोपी है। दोनों ने जेल से भी अपना
पढ़ाई का सफर जारी करके यह बता दिया कि इन्हें जुदाई मिली या तन्हाई,
लेकिन सब कुछ के बाद उनके लिए महत्वपूर्ण है पढ़ाई।