गन्ना किसानों के भरोसे भी राजनीति चमकाएगी कांग्रेस

नई
दिल्ली [जागरण संवाददाता]। उत्तर प्रदेश में अपनी खोई राजनीतिक जमीन वापस
पाने में जुटी कांग्रेस अब किसानों के बीच भी जाएगी। इसकी शुरुआत गन्ना
किसानों से हो रही है। तभी तो कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने पूर्वाचल
के किसानों के साथ खड़ा होने का संकेत दे दिया है।

किसानों ने भी कांग्रेस के साथ जुड़ने की प्रतिबद्धता जताई। मुलाकात
करने पहुंचे गन्ना किसानों से राहुल गांधी ने पूर्वाचल में पार्टी की
कैफियत पूछी। किसान नेताओं ने राहुल गांधी से पूर्वाचल के दौरे का आग्रह
भी किया।

उत्तर प्रदेश के इस इलाके को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का
गढ़ माना जाता है। राहुल गांधी अब वहां के किसानों को साधने की तैयारी में
हैं। गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल
गुरुवार को यहां दस जनपथ में राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने गन्ना
किसानों को उनके बकाये का भुगतान कराने और चीनी उद्योग के लिए आधुनिक
प्रौद्योगिकी मुहैया कराने का भरोसा दिलाया।

गन्ने के उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के निर्धारण से पूर्व राहुल
गांधी ने उत्तर प्रदेश के किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था। किसान नेता
अवधेश मिश्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने गांधी को एक ज्ञापन सौंपा,
जिसमें गन्ने की एफआरपी 190 से 200 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की
गई है। किसान नेताओं ने राहुल गांधी को चीनी उद्योग की पुरानी व परंपरागत
प्रौद्योगिकी के चलते हो रहे नुकसान के बारे में भी बताया। इसके लिए
ब्राजील, मलेशिया और मारीशस जैसे देशों की चीनी उद्योग की प्रौद्योगिकी का
हवाला भी दिया।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकार को किसान व मिलों के हित में गन्ना और
चीनी मूल्य के बीच एक निश्चित अनुपात का मानक बनाना चाहिए। किसानों की
माली हालत में सुधार पर राहुल गांधी ने किसान नेताओं से ही उपाय पूछे।
किसान नेताओं ने इसके लिए ब्याज रहित फसली ऋण और खेती के उपकरणों व मशीनों
की खरीद के लिए अधिकतम दो फीसदी की ब्याज दर निर्धारित करने का सुझाव
दिया। राहुल गांधी ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे उनकी समस्याओं व मांगों
को सरकार के समक्ष रखेंगे और इस पर चर्चा के लिए एक महीने बाद फिर उन्हें
बुलाएंगे।

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