भुवनेश्वर। सरकारी अस्पतालों में मौजूद
दवाइयां रोगियों को मिलनी चाहिए। डाक्टर रोगियों को प्रेसक्रिप्शन देने के
समय इस पर ध्यान दें। अस्पताल में मौजूद दवाई रोगियों को बाहर से खरीदने
के लिए बाध्य करने की जानकारी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बारे
में खर्च हुई राशि डाक्टर के वेतन से पूरा करने का भी निर्णय लिया गया है।
बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की एक बैठक में स्वास्थ्य मंत्री
प्रसन्न आचार्य ने अस्पताल में मिल रही दवाओं को रोगियों को प्रदान करने
पर जोर देते हुए उपरोक्त बातें कहीं। मंत्री श्री आचार्य ने कहा कि
जेनेरिक दवा व्यवहार पर डाक्टर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि इसके लिए
सीडीएमओ से विभिन्न अस्पतालों में डाक्टरों को परामर्श देने की आवश्यकता
है। इससे गरीब लोगों को काफी सहायता मिलेगी। मंत्री ने कहा कहा कि
अस्पतालों में परिमल व्यवस्था में और अधिक सुधार लाने की जरूरत है। इस
बाबत रोगी कल्याण समिति को मिल रहे धन को खर्च करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय ग्राम्य स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से तैयार होने वाले 915
उप-स्वास्थ्य केन्द्र के बारे में बैठक में चर्चा की गयी। वर्ष 2009-10
में मिले धन का विनियोग संतोषजनक न होने से इस साल भी वह गलती न रह जाए इस
पर ध्यान देने के लिए बैठक में कहा गया है। राज्य के विभिन्न मेडिकलों में
करीबन 300 गृह निर्माण कार्य सम्पन्न हो जाने के समय इसे तुरन्त हस्तांतर
करना एवं पुरानों मकानों के मरम्मत के लिए एनआरएचएम को प्रस्ताव भेजने के
लिए बैठक में निर्णय लिया गया। इसके अलावा आशा कर्मी नियुक्ति प्रक्रिया
में बदलाव लाने के बारे में चर्चा होने के बावजूद इस पर अंतिम निर्णय नहीं
हो पाया है। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव निदेशक व अन्य पदाधिकारी
उपस्थित थे।