भू-जल स्रोतों के पुन: आकलन के लिए राज्यस्तरीय समिति गठित

जागरण ब्यूरो, शिमला : वर्ष 2008-09 में
भू-जल स्रोतों के पुन: आकलन के लिए राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है।
प्रधान सचिव, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य इस समिति के अध्यक्ष होंगे।

सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ, निदेशक शहरी विकास,
निदेशक कृषि, समस्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता हाइड्रोलॉजी, अधीक्षण
अभियंता जलापूर्ति एवं मल निकासी, अधीक्षण अभियंता प्लानिंग एवं डिजाइन,
हिमाचल प्रदेश जल प्रबंधन बोर्ड के नामित सदस्य तथा नाबार्ड के महाप्रबंधक
इस समिति के सदस्य होंगे। केंद्रीय भू-जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक इस
समिति के सदस्य सचिव होंगे, अगर आवश्यक हुआ तो यह समिति किसी विशेष
आमंत्रित सदस्य को भी इसमें शामिल कर सकेगी।

यह समिति भू-जल स्रोत आकलन प्रणाली के अनुरूप राज्य के पुन: भरे जाने
योग्य भू-जल स्रोतों का वार्षिक आकलन करेगी। समिति ऐसे वार्षिक भू-जल
स्रोत के सदुपयोग के स्तर का भी आकलन करेगी। यह समिति अपने गठन की तिथि के
एक वर्ष की अवधि में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय भू-जल स्रोत आकलन समिति-97 द्वारा अपनाई गई
प्रणाली के अंतर्गत देशभर में राज्य वार पुन: भरे जाने योग्य जल स्रोतों
का आकलन 1994 में किया गया था। उसके उपरांत देश के कई हिस्सों में भू-जल
में तेजी से बदलाव देखे गए हैं। राष्ट्रीय जल नीति-2002 ने राज्य जल
नीति-2005 के अनुरूप भू-जल स्तर का समय-समय पर आकलन करने की संस्तुति की
है।

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