नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा हासिल करने के इच्छुक गरीब छात्रों
के लिए एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह ऐसे
छात्रों के लिए एजूकेशन लोन पर ब्याज सब्सिडी योजना लागू करें। इस बारे
में सभी कामर्शियल बैंकों के प्रमुखों को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय
ने पत्र लिखा है।
इसमें बैंकों से कहा गया है कि वे इस योजना को लागू करने के लिए उचित
कदम उठाएं, जिससे पात्र छात्रों को इस योजना का लाभ मिल सके। यह योजना
शैक्षणिक सत्र 2009-10 से प्रभावी है। सरकार ने वर्ष 2010-11 के लिए इस
योजना के तहत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। पिछले साल के बजट में
घोषित योजना के तहत समाज के गरीब तबके के छात्रों को एजूकेशन लोन पर वसूली
स्थगन की अवधि के दौरान कोई ब्याज नहीं देना होगा। वसूली स्थगन
[मोरेटोरियम] के तहत पढ़ाई पूरी करने की अवधि के अलावा अधिकतम एक साल तक
का वक्त और मिलेगा। सिर्फ ऐसे छात्र ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे, जिनके
परिवार की सालाना आय 4.5 लाख रुपये से कम है। साथ ही इस योजना के दायरे
में पिछले साल एजूकेशन लोन लेने वाले छात्र भी आएंगे। फिलहाल बैंक छात्रों
को शिक्षा के लिए 10 से 12 फीसदी की दर पर कर्ज देते हैं।