आगरा,
जागरण संवाददाता: सरकारी राशन विक्रेताओं के लिये गरीबों की आंखों में धूल
झोंकना अब आसान नहीं होगा। राशन की कालाबाजारी रोकने के लिये सरकार हाईटेक
तरीका लागू करने जा रही है। गोदाम से राशन उठाते ही उपभोक्ताओं के मोबाइल
पर इसकी जानकारी पहंुच जायेगी।
इसकी शुरूआत हो चुकी है। शासन द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बहराइच
और जालौन में इसे लागू किया गया है। दरअसल इस योजना के तहत विभाग जिले के
प्रत्येक राशन विक्रेता के आठ से दस उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर अपने पास
रखेगा। संबंधित विक्रेता द्वारा गोदाम से राशन उठाते ही विभाग उपभोक्ताओं
के मोबाइल पर इसका एसएमएस भेज देगा। विभाग का मानना है आठ या दस लोगों को
एसएमएस भेजने पर वह अन्य को भी जानकारी दे देंगे। जिससे दुकानदार
कालाबाजारी नहीं कर सकेंगे। गौरतलब है जिले में कुल 1298 सरकारी सस्ते
गल्ले की दुकान हैं। इसमें शहर में 465 और देहात में 833 हैं। जबकि बीपीएल
राशन कार्ड 15,817 और अंत्योदय योजना के 9466 कार्ड धारक हैं। अधिकांश
उपभोक्ताओं को यह जानकारी नहीं हो पाती है कि दुकान पर राशन कब आया। इसके
लिये दुकानों के कई चक्कर काटने पड़ते हैं। उधर दुकानदार मौका मिलते ही
मिले राशन की कालाबाजारी कर उसे बाहर बेच देते हैं। पिछले महीने जिला
पूर्ति विभाग ने चार राशन विक्रेताओं को कालाबाजारी करते पकड़ा था। जिस पर
उनकी दुकानों का लाइसेंस रद्द कर दिया। उपायुक्त खाद्य एवं रसद अनूप शंकर
के अनुसार उपभोक्ताओं को एसएमएस योजना को लागू किये जाने की तैयारी चल रही
है।
जागरण संवाददाता: सरकारी राशन विक्रेताओं के लिये गरीबों की आंखों में धूल
झोंकना अब आसान नहीं होगा। राशन की कालाबाजारी रोकने के लिये सरकार हाईटेक
तरीका लागू करने जा रही है। गोदाम से राशन उठाते ही उपभोक्ताओं के मोबाइल
पर इसकी जानकारी पहंुच जायेगी।
इसकी शुरूआत हो चुकी है। शासन द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बहराइच
और जालौन में इसे लागू किया गया है। दरअसल इस योजना के तहत विभाग जिले के
प्रत्येक राशन विक्रेता के आठ से दस उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर अपने पास
रखेगा। संबंधित विक्रेता द्वारा गोदाम से राशन उठाते ही विभाग उपभोक्ताओं
के मोबाइल पर इसका एसएमएस भेज देगा। विभाग का मानना है आठ या दस लोगों को
एसएमएस भेजने पर वह अन्य को भी जानकारी दे देंगे। जिससे दुकानदार
कालाबाजारी नहीं कर सकेंगे। गौरतलब है जिले में कुल 1298 सरकारी सस्ते
गल्ले की दुकान हैं। इसमें शहर में 465 और देहात में 833 हैं। जबकि बीपीएल
राशन कार्ड 15,817 और अंत्योदय योजना के 9466 कार्ड धारक हैं। अधिकांश
उपभोक्ताओं को यह जानकारी नहीं हो पाती है कि दुकान पर राशन कब आया। इसके
लिये दुकानों के कई चक्कर काटने पड़ते हैं। उधर दुकानदार मौका मिलते ही
मिले राशन की कालाबाजारी कर उसे बाहर बेच देते हैं। पिछले महीने जिला
पूर्ति विभाग ने चार राशन विक्रेताओं को कालाबाजारी करते पकड़ा था। जिस पर
उनकी दुकानों का लाइसेंस रद्द कर दिया। उपायुक्त खाद्य एवं रसद अनूप शंकर
के अनुसार उपभोक्ताओं को एसएमएस योजना को लागू किये जाने की तैयारी चल रही
है।