यमुनानगर, जागरण संवाद केंद्र : गांव मंडेबर
में सरकारी स्कूल का शिक्षक 15 वर्ष के दो छात्रों से जनगणना करा रहे हैं।
शिक्षक की लापरवाही से छात्र चिलचिलाती गर्मी में गलियों में भटकने पर
मजबूर हैं। उन्हें खुद नहीं मालूम है कि करना क्या है। वे जनगणना फार्म
खुद भर रहे हैं और रसीदें अध्यापक घर बैठे ही काट रहा है। मामले का पता
लगने पर शिक्षक ने वाहन स्टार्ट न होने का बहाना बनाकर बचने का प्रयास
किया।
शनिवार को दोनों बच्चे जनगणना के लिए जब गांव में पंच सुखविंद्र सिंह
के घर पहुंचे तो पंच ने उनसे जनगणना करने को लेकर प्रश्न दाग दिया।
उन्होंने इसके लिए लापरवाह अध्यापक नरेश कुमार को जिम्मेदार ठहराया। इसके
बाद बच्चों ने भागने की कोशिश भी की, लेकिन पंच ने उनको बिठाकर सारा
रिकार्ड लिया। मामले का पता लगने पर अध्यापक सिर पर पांव रखकर भागते हुए
आया और पंच से नौकरी की दुहाई देते हुए खुद न जनगणना करने की वजह अपने
वाहन का स्टार्ट न होना बताया। पंच ने जनगणना रिकार्ड से फार्म पर बच्चों
की लिखावट व रसीद पर नरेश कुमार के हस्ताक्षर की तस्दीक भी की। फार्म पर
जहां बच्चों की लिखावट थी वहीं रसीद पर अध्यापक के हस्ताक्षर थे। कुछ
रसीदों पर बच्चों के हस्ताक्षर भी पाए गए। पंच सुखविंद्र सिंह का कहना है
कि अध्यापक का वाहन बंद होना अलग बात है। किंतु बच्चों से जनगणना कराए
जाने का वाहन के बंद से क्या लेना-देना है। अध्यापक नरेश कुमार शर्मा का
कहना है कि उनका वाहन फर्कपुर गांव के समीप बंद हो गया जिसकी वजह से
उन्हें जनगणना क्षेत्र में पहुंचने में विलंब हो गया।