ग्राम बासीन के ग्रामीणों ने, जिन्होंने ताबड़तोड़ सपरिवार श्रमदान करके
बांध बना डाला। आज यही बांध उनके निस्तारी के काम भी आ रहा है सब्जी की
बाड़ियों को सींच भी रहा है।
जिला मुख्यालय कोरबा से लगभग 50
किमी दूर स्थित है बासीन। गांव के किनारे दवन नाला बहता है। यहां के 23
राठिया परिवारों ने वर्ष 2006 में इस नाले को बांधना शुरू किया। तीन साल
की कड़ी मेहनत के बाद 60-70 मीटर चौड़ा और लगभग 20 फीट ऊंचा बांध बना
डाला।
बांध बनने के बाद नाले में दो किमी दूर तक पानी भरा है।
इससे छोटी-छोटी सब्जी बाड़ियों की सिंचाई हो रही है। गर्मी में गांव के
सारे तालाब सूख गये हैं, इसलिए यह नाला गांव के लगभग 500 लोगों की
निस्तारी के काम आ रहा है।
सपरिवार श्रमदान करने वाले ग्रामीण :
अनंत सिंह कंवर, सुरीतराम राठिया-1, सुरीतराम-2, मानसिंह, मोहितराम -1,
मोहितराम-2, मालिकराम-1, मालिकराम-2, कार्तिकराम, इंदल सिंह, सीताराम,
राजन सिंह, हरि सिंह, महेत्तर सिंह, राम राठिया, दौलतराम, शाखाराम,
बिरीशराम, अक्तीराम,कन्हैया लाल, घासीराम, अनूप सिंह, परमन सिंह और संतराम
राठिया।
बुजुर्गो से मिली प्रेरणा
ग्रा म
पटेल अनंत सिंह कंवर ने बताया कि 25-30 साल पहले गांव के बुजुर्गो ने इस
नाले को बांधा था। इससे गर्मी के दिनों में सब्जी और धान की फसल लेते थे।
रखरखाव
नहीं होने की वजह से बंधान धीरे-धीरे फूटने लगा था। चार साल पहले
ग्रामीणों ने सलाह-मशविरा कर इसे नया बनाने का निर्णय लिया। फिर घर की
महिलाओं के साथ मिलकर श्रमदान कर बांध बना डाला।