नई
दिल्ली। बाजार में रबी की फसल आने के बावजूद खाद्य महंगाई चढ़ गई। एक बार
फिर फलों और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के चलते 8 मई को समाप्त सप्ताह
के दौरान थोक मूल्यों पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 16.49
फीसदी पर पहुंच गई। इससे पिछले सप्ताह यह दर 16.44 प्रतिशत पर थी। दिसंबर,
09 में यही खाद्य मुद्रास्फीति 20 प्रतिशत के करीब पहुंच गई थी।
विश्लेषकों का अनुमान है कि मानसून के आगमन तक कीमतें इसी स्तर पर बनी
रहेंगी। इसके बाद ही खाद्य मुद्रास्फीति की दर में तेज गिरावट देखने को
मिल सकती है। वैसे पहले कहा जा रहा था कि रबी की फसल आने पर खाद्य
उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान ईधन की कीमतें स्थिर बनी रहीं, लेकिन
मंत्रिमंडल द्वारा प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के फैसले से गैस
आधारित ईधन के दाम बढ़ेंगे। सरकार ने बुधवार को प्राकृतिक गैस का मूल्य
दोगुने से ज्यादा बढ़ाकर 4.20 डालर प्रति एमएमबीटीयू [गैस की यूनिट] कर
दिया है।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान प्याज 5.73 और आलू 0.95 प्रतिशत महंगा
हुआ। फलों के मूल्यों में 0.41 प्रतिशत व अन्य सब्जियों में 2.41 प्रतिशत
की तेजी आई। उड़द और मूंग दो-दो प्रतिशत महंगे हुए। सालाना आधार पर दालों
के दाम 33.65 प्रतिशत ऊंचे रहे, जबकि फलों की कीमत औसतन 17 फीसदी।