खेती का छेड़ा ऐसा राग कि सभी हो गए बाग-बाग

भागलपुर। खेती से विमुख हो रहे किसानों के
लिए प्रेरणा बन चुके हैं भागलपुर, कटघर मोहल्ले के किसान दंपती।
पति-पत्‍‌नी खेती में इस कदर रमे हैं कि कृषि विभाग भी इन्हें खेती का रोल
माडल मानता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि खेती में दोनों
पति-पत्‍‌नी पारंगत हो चुके हैं। इसी पेशे से उनकी जिंदगी की गाड़ी तो
सुखमय चल ही रही है साथ ही इन्होंने अच्छी दौलत और शोहरत भी हासिल कर ली
है।

शंभु सिंह व बबीता रानी सिंह की यह सफल जोड़ी भागलपुर जिले में
प्रगतिशील किसान के रूप में अपनी पहचान कायम कर सफलता का परचम लहरा रहे
हैं। 33 वर्षीय बबीता रानी सिंह जहां अपने ससुराल कटघर मोहल्ले में डेढ़
बीघे में अपनी नर्सरी चलाती हैं वहीं पति शंभू सिंह जगदीशपुर, नाथनगर व
धोरैया में 50 बीघे में कतरनी, बागवानी, दलहन , तिलहन की खेती करते हैं।
पत्‍‌नी नर्सरी में ही पशुपालन भी कर रही है। वे मिट्टी सोना नाम से वर्मी
कंपोस्ट भी तैयार करती हैं। इसके अलावा सब्जी, फूल व औषधीय पौधे की खेती
भी करती हैं। पति तो सफल कृषक हैं ही पत्‍‌नी को भी पिछले छह सालों में
खेती करते- करते इसका पूरा पाठ्यक्रम याद हो गया है। वैज्ञानिक तरीके से
खेती करने के एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके पति-पत्‍‌नी
किसी भी सेमिनार या कृषि मेला में साथ ही शिरकत करते हैं। पति को उन्नत
खेती के लिए जहां तीन साल पहले किसान श्री का सम्मान मिल चुका है वहीं
पत्‍‌नी भी बागवानी व वर्मी कंपोस्ट में कई पुरस्कार जीत चुकी हैं। बचपन
से ही खेती का शौक रखने वाली बबीता रानी बताती हैं कि शादी के आठ साल बाद
जब उन्होंने पति को खेती में अकेले रहने के कारण परेशान पाया तो उसने उनके
कंधे में कंधे मिलाकर खेती में साथ देने का फैसला किया। शुरू में परिवार
में इसका पुरजोर विरोध हुआ। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत व लगन से सब कुछ
आसान कर लिया। अब तक वे जिले के 16 प्रखंडों के करीब आठ हजार किसानों को
खेती के गुर सीखा चुकी हैं। इसके अलावा महिलाओं को भी वे खेती के लिए
उत्प्रेरित करती हैं। जिसके बाद दर्जनों महिलाओं ने खेती की कमान संभाली
रखी है। आत्मा के परियोजना निदेशक संजय कुमार ने बताया कि दोनो को खेती
में काफी निपुणता हासिल है। जिले के अन्य किसानों के लिए ये मार्गदर्शक बन
चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *