भुवनेश्वर। नालको से पूंजी विनिवेश का विरोध करते हुए सीआईटीयू की ओर से
आज राजभवन के सम्मुख धरना दिया गया। नालको जैसे लाभ कमा रही सरकारी
संस्थान से पूंजी हटाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण एवं जन विरोधी बताते
हुए सिटू के लम्बोदर नायक ने कहा कि इसके खिलाफ जन आन्दोलन छेड़ा जाएगा।
श्री नायक ने कहा कि सेल, एनटीपीसी, एनएमडीसी, नेईभेली लिगनाईट जैसे 10
राष्ट्रीयकृत उद्योगों से सरकार 40 हजार करोड़ रुपया पूंजी विनिवेश करने की
जो योजना बना रही है, उसका देश भर में विरोध किया जाएगा। नालको जैसे लाभ
कमा रहे सरकारी उद्योग से 4000 करोड़ रुपया पूंजी विनिवेश की योजना है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार पश्चिमी देशों में हुई बैंकों की दुर्दशा से
सीख ले। श्री नायक ने कहा कि देश में 200 से अधिक राष्ट्रीय कंपनियां है।
जो लाभ कमा रही है। और उन कंपनियों के 5.30 लाख करोड़ पूंजी पर विदेशी
पूंजीपतियों की नजर है। उन्होंने कहा कि पूंजी विनिवेश से न केवल श्रम
नियोजन को धक्का लगेगा, बल्कि राष्ट्रीय संपत्तिनिजी हाथों में चली जाएगी।
उन्होंने सीटू कार्यकर्ताओं को संगठित कर नालको सहित विभिन्न सरकारी उद्यम
से पूंजी विनिवेश के खिलाफ आन्दोलन चलाने की बात कही है।
आज राजभवन के सम्मुख धरना दिया गया। नालको जैसे लाभ कमा रही सरकारी
संस्थान से पूंजी हटाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण एवं जन विरोधी बताते
हुए सिटू के लम्बोदर नायक ने कहा कि इसके खिलाफ जन आन्दोलन छेड़ा जाएगा।
श्री नायक ने कहा कि सेल, एनटीपीसी, एनएमडीसी, नेईभेली लिगनाईट जैसे 10
राष्ट्रीयकृत उद्योगों से सरकार 40 हजार करोड़ रुपया पूंजी विनिवेश करने की
जो योजना बना रही है, उसका देश भर में विरोध किया जाएगा। नालको जैसे लाभ
कमा रहे सरकारी उद्योग से 4000 करोड़ रुपया पूंजी विनिवेश की योजना है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार पश्चिमी देशों में हुई बैंकों की दुर्दशा से
सीख ले। श्री नायक ने कहा कि देश में 200 से अधिक राष्ट्रीय कंपनियां है।
जो लाभ कमा रही है। और उन कंपनियों के 5.30 लाख करोड़ पूंजी पर विदेशी
पूंजीपतियों की नजर है। उन्होंने कहा कि पूंजी विनिवेश से न केवल श्रम
नियोजन को धक्का लगेगा, बल्कि राष्ट्रीय संपत्तिनिजी हाथों में चली जाएगी।
उन्होंने सीटू कार्यकर्ताओं को संगठित कर नालको सहित विभिन्न सरकारी उद्यम
से पूंजी विनिवेश के खिलाफ आन्दोलन चलाने की बात कही है।